Agneepath Scheme : भारत की अग्निपथ स्कीम, गोरखा सैनिकों की भर्ती, नेपाल सरकार का बड़ा फैसला

Agneepath Scheme : हमारे article में हम आप सभी प्रिय पाठकों का स्वागत करते हैं। आज हम आप सभी लोगों के साथ अत्यंत आवश्यक विषय पर कुछ आवश्यक जानकारियां साझा करने वाले हैं। 

जैसा कि इस बारे में सभी जानते हैं कि हमारे देश के जवान और हमारे देश के किसान हमारे देश की शान है। इन्हीं के दम पर आज हमारा देश इतनी तरक्की कर पा रहा है और दुश्मन देशों से सुरक्षित है। इससे आप इंडियन आर्मी की कितनी रिस्पेक्ट करते हैं आप हमें यह बार कमेंट के जरिए भी बता सकते हैं। 

यदि आपका भी सपना है कि आप इंडियन आर्मी में जा कर के देश की सेवा करें तो आपके सपने को पूर्ण करने का अवसर सरकार लेकर आई है। आज के हमारे article में जानने की कोशिश करते हैं कि अग्निपथ स्कीम क्या है और इससे संबंधित सारी अपडेट आपको इस आर्टिकल में प्रदान कर दी जाएगी। 

आर्टिकल में हम आप सभी पाठकों के साथ नेपाल के साथ हो रही बातचीत तो के विषय में इस आर्टिकल में जानकारी प्रदान करेंगे उनकी इस स्कीम को लेकर के क्या राय है। 

नेपाली गोरखा, अग्नीपथ स्कीम (Agneepath Scheme) :-

Agneepath Scheme : भारत की तीनों सेनाओं में भर्ती के वास्ते अग्निपथ स्कीम को प्रारंभ कर दिया गया है। प्रारंभ होने के पश्चात और युवकों को लेकर नेपाल असमंजस में आ पड़ा है। अब उसने इस संबंध में बहुत बड़ा फैसला ले लिया है। फैसले के विषय में भी हम आपको संपूर्ण जानकारी से आर्टिकल में प्रदान करेंगे। 

भारत के अग्नीपथ स्कीम में क्या गोरखा सैनिकों की भर्ती की जाएगी नेपाल सरकार ने इस को लेकर के बहुत बड़ा फैसला किया है। 

Nepal decision on India Agneepath Scheme :-

तीनों सेनाओं में भर्ती करने की प्रक्रिया अब अग्नीपथ स्कीम के माध्यम से की जाएगी। इसके साथ ही अभी हाल फिलहाल के लिए नेपाल में अग्निपथ के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने का निर्णय ले लिया है। उनका कहना है कि वह इस मुद्दे पर इस साल नवंबर में होने वाले चुनाव के बाद फैसला सुनाने वाले हैं। 

फिलहाल के इस मुद्दे पर विवाद भी चली जा रही है। इसके साथ ही नेपाल में भी अग्निपथ स्कीम के अंतर्गत सेना की भर्ती का रास्ता खुलता चला जा रहा है। अग्नीपथ स्कीम को लेकर के युवाओं में बहुत ही अधिक विरोध देखने को मिला था. 

नवंबर में सांसद चुनाव के पश्चात किया जाएगा फैसला :-

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेवा लामसाल ने यह बात कही है कि इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता है। अभी तो नेपाल एवं भारत सरकार के बीच में इस विषय में बातचीत भी नहीं हुई है। इस वजह से ही यह फैसला लिया जा रहा है कि नवंबर में संसदीय चुनावों के बाद इस अहम मुद्दे पर कोई निर्णय लिया जाएगा। 

विदेश मंत्रालय का स्वास्थ्य केंद्र भारत में तैनात नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा के उस बयान के पश्चात सामने आया है जिसमें उन्होंने यह कहा था कि अग्निपथ स्कीम पर भारत और नेपाल के बीच में बातचीत जारी है। 

आर्मी चीफ ने नेपाल को चेताया :-

इस मुद्दे पर नेपाल की इच्छा एवं काठमांडू उसमें सेना भर्ती रैली में हो रही देरी को देखते हुए भारतीय सेना भी सख्त हो चुकी है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने एक कार्यक्रम में यह बात कहा है कि यदि नेपाल सरकार नियत तारीख तक भर्ती की मंजूरी नहीं देती है तो नेपाली गोरखा युवक की व्यक्तियों को भारत में दूसरे स्थान में रि-डिस्ट्रिब्यूट कर दिया जाने वाला है।

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सरकार ने 14 जून को घोषणा की थी इस योजना की :-

हमारे देश भारत की भारत सरकार ने बहुत लंबे विचार-विमर्श के पश्चात 14 जून को देश की तीनों सेनाओं में अग्निपथ स्कीम की घोषणा कर दी थी। ऐसी स्कीम में चुने जाने वाले सैनिकों को अग्नि वीर सैनिक कहा जाएगा एवं अधिकतम 4 वर्ष तक ही सेना में ड्यूटी कर सकेंगे इसके पश्चात उनमें से 75% को 1100000 रुपए देकर के रिटायर कर दिया जाएगा। रिटायर कर दिए जा चुके सैनिकों को कोई पेंशन भी नहीं प्रदान किया जाएगा बाकी बचे 25% सैनिकों को रेगुलर सैनिक बना लिया जाएगा और वे 20 वर्ष तक सेवा कर सकेंगे उन्हें पेंशन समेत बाकी सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी। 

योजना को लेकर नेपाल में आशंका:-

नेपाल सरकार की आशंका यह है कि भारत सरकार के इस निर्णय के पश्चात देश के बेरोजगार सैनिकों की फौज तैयार हो जाएगी। जिस को संभाल पाना उसके लिए बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

हथियारों की ट्रेनिंग लिए इन युवकों के समाज की मुख्यधारा में लौटने से आपराधिक घटनाएं बढ़ने की भी पूरी संभावना जताई जा रही है। सरकार ने इस पर नेपाल भारत सरकार से स्पष्टीकरण प्राप्त करना चाहता है। 

अग्नीपथ स्कीम के आने से सकारात्मक प्रभाव :-

यदि अग्नीपथ स्कीम को सकारात्मक तरीके से देखा जाए तो यह बहुत ही ज्यादा कारगर स्कीम साबित हो सकती है। देश की तरक्की में यह बहुत ही अधिक योगदान प्रदान कर सकती है कहने का तात्पर्य है कि इस योजना के परिणाम स्वरूप 4 वर्षों तक युवाओं को सेना में रखा जाएगा तत्पश्चात उन्हें पैसे लेकर रिटायर कर दिया जाएगा। कैसे के प्रयोग से वो अपना सा टॉप बिजनेस कर सकते हैं और इस प्रकार से देश में बेरोजगारों की संख्या में भी गिरावट आएगी।

इसके साथ ही सरकार जो इतने सारे पैसे पेंशन में प्रदान कर देती है वह पैसे भी बच जाएंगे जिनका प्रयोग सेना में आधुनिक हथियारों को खरीदने हेतु किया जा सकेगा। 

निष्कर्ष :-

आर्टिकल की सहायता से हमने आप सभी प्रिय पाठकों के साथ अग्नीपथ स्कीम को लेकर कुछ आवश्यक जानकारियां साझा की है। हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा प्रदान की गई यह सभी जानकारी आपको बहुत से ज्यादा पसंद आई होगी। यदि हम से कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो यह कार्य आप कमेंट कर रही है आसानी से कर सकते हैं। 

इसके साथ ही हम आप सभी प्रिय पाठको से सादर अनुरोध करते हैं कि हमारे article को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जरुर शेयर करें। 

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Ahmed Ruhul Amin

हिंदी भाषा के माध्यम से सरकारी योजना, परीक्षा, नौकरी, तकनीक और ट्रेंडिंग जानकारी लिखना मुझे बहुत पसंद है.

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