बैकलिंक क्या है और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?

जब एक बिगिनर ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में कदम रखता है तो उसे ट्रैफिक पाने की बहुत अधिक खवाहिश होती है और इसीलिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की जानकारी लेनी शुरू कर देते हैं. इस दरमियान इस शब्द के बारे में सुनने को मिलता है यानि बैकलिंक क्या है (What is Backlink in Hindi) और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?

ये सुनकर बस मन में ये चलता रहता है की आखिर ये क्या होता है और कितने तरह के होते हैं. इसे बनाना क्यों जरुरी है साथ ही इसके क्या फायदे हैं. अगर बैकलिंक न बनायें तो क्या पोस्ट की रैंकिंग नहीं बढ़ेगी और पोस्ट पहले पेज पर आएंगे या नहीं. एसईओ क्या है और कैसे करते हैं ये जानते हुए भी बहुत वक़्त गुजर जाने के बाद पोस्ट रैंक नहीं करता है इसकी वजह क्या है ये सभी नहीं समझ पाते.

मैं यहाँ पर खुद की एक्सपीरियंस शेयर करूँगा और साथ में ये भी बताऊंगा की मैंने बैकलिंक बनाने का पोस्ट में क्या और कितना असर देखा है.

इस पोस्ट को मैं ब्लॉग्गिंग के 2 साल पूरा होने के बाद ही लिख रहा हूँ क्यों की मैं चाहता था की बैकलिंक के बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा कर लूँ और इसका प्रैक्टिकल प्रभाव भी देख लूँ, तभी आपको इसके बारे में बताऊँ ताकि आपको सभी जानकारी काम में आये.

चलिए अब जान लेते हैं की बैकलिंक क्या होता है और ये क्यों जरुरी है (What is Backlink in Hindi) इस के अलावा इस बारे में भी बात कर लेते हैं की बैकलिंक कितने तरह के होते हैं और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बना सकते हैं.

बैकलिंक क्या है – What is Backlink in Hindi?

बैकलिंक क्या है और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?
backlink kya hai

Backlink को एक तरह से इनकमिंग लिंक या फिर इनबाउंड लिंक भी बोला जाता है. जब हमारी वेबसाइट किसी दूसरे वेबसाइट के साथ एक लिंक की मदद से जुड़ा होता है और उस वेबसाइट से हमारी वेबसाइट में आने का रास्ता देता है तो उसे हम बैकलिंक कहते हैं.

आप सभी विकिपीडिया को तो बहुत अच्छे से जानते ही होंगे और शायद आपको ये भी मालूम होगा की आप एक author के रूप में आर्टिकल भी लिख सकते हैं.

तो मान लीजिये की आपने एक आर्टिकल वहां पर लिखा है और उसी के reference के लिए वहां अपने पोस्ट का लिंक दे दिया है और अपने ब्लॉग में रिलेटेड टॉपिक पर पुरे डिटेल में जानकारी दी है तो विकिपीडिया में जो भी रीडर उसे पढ़ने आएगा तो हो सकता है वहां पर छोड़े हुए लिंक से वो रीडर आपकी साइट में भी आ जाये.

इस तरह गूगल को ये सिग्नल मिल जाता है की आपकी साइट पर विकिपीडिया से होते हुए ट्रैफिक आ रहा है और आपकी साइट ट्रस्ट बिल्डअप होगा और रैंकिंग में सुधार भी होने लगेगा.

बैकलिंक एक तरह से नए ब्लॉग की पहचान बनाता है. जब कोई ब्लॉग कई बड़े वेबसाइट से जुड़ा हुआ होता है तो गूगल भी पहचान लेता है की साइट अच्छी है और बड़े वेबसाइट इस को रेफेर करते हैं.

जब भी आप कोई पोस्ट लिखते हैं और उसके लिए बैकलिंक बनाते हैं तो फिर उसे गूगल में रैंक होने में अधिक समय नहीं लगता. वहीँ अगर आप बैकलिंक नहीं बनाते हैं तो पोस्ट रैंक करने में काफी लम्बा समय गुजर जाता है.

आपने इसी तरह के कई अच्छी और रेप्यूटेड वेबसाइट का नाम सुना होगा जैसे Quora, reddit, इत्यादि. इन सभी वेबसाइट की रैंकिंग और रेप्युटेशन बहुत अच्छा होता है लेकिन इन के अलावा भी बहुत सारी वेबसाइट हैं जिन्हे अच्छी वेबसाइट के नाम में शुमार किया जाता है और जहाँ से आप क्वालिटी बैकलिंक प्राप्त कर सकते हैं.

बैकलिंक क्यों जरुरी हैं?

ब्लॉग्गिंग में हम अपने ब्लॉग के माध्यम से लोगों को जानकारी या फिर सेवा देते हैं. लेकिन इसके लिए लोगों तक पहुंचना भी तो जरुरी है जिस में अहम् किरदार ऑप्टिमाइजेशन का होता है.

मतलब की बिना ऑप्टिमाइजेशन के हमारा ब्लॉग लोगों तक नहीं पहुंच सकता है. गूगल ही वो सर्च इंजन है जिसका इस्तेमाल सबसे अधिक होता है और लोग इसी के माध्यम से जानकारी के बारे में सर्च करते हैं.

अब यहाँ गूगल उन वेबसाइट को पहले पेज पर रखता है जिनका SEO बहुत अच्छा होता है और जिनका कंटेंट बहुत अच्छा होता है और समय के साथ जानकारी अपडेट करते है वो हमेशा पहले पेज पर बने रहते हैं.

लेकिन नयी वेबसाइट के साथ ऐसा नहीं है क्यूंकि गूगल के लिए ब्लॉग का ट्रस्ट लेवल कुछ नहीं होता और डोमेन ऑथोरिटी भी बिलकुल ना के बराबर होती है. 

इस कंडीशन में एक ही तरीका है जिससे हम अपने ब्लॉग की डोमेन ऑथोरिटी बढ़ा सकता है जिससे गूगल हमारी ब्लॉग पर ट्रस्ट करता है. वो तरीका है बैकलिंक का बनाना.

चलिए बैकलिंक के महत्व को एक उदाहरण द्वारा समझते हैं. मान लीजिये आप किसी नए शहर में गए हैं और वहां पर आपको कोई नहीं जानता है.

आपने अक्सर देखा ही होगा की लोग नयी जगह पर जाकर पार्टी देते हैं और उस शहर के बड़े लोगों को इनविटेशन देकर बुलाते हैं.

वो ऐसा क्यों करते हैं आप ही बताइये? आपका जवाब होगा की वो लोगों से लिंक बनाने के लिए बुलाते हैं. अब अगर आये हुए 50 में से 5 पावरफुल लोगों के साथ भी आप की अच्छी जान पहचान हो जाएगी तो आपकी वैल्यू भी शहर में बढ़ जाएगी और उनकी वजह से आपके भी बहुत सारे काम होने लगेंगे. 

उनसे जुड़ने के बाद उनके रिफरेन्स से सभी लोग आप पर भी भरोसा करेंगे. ठीक इसी तरह ब्लॉग में बैकलिंक काम करता है.

इसके अलावा अगर आपकी जान पहचान किसी बड़े मंत्री से हो जाती है तो भी आपके काम चुटकियों में हो जाते हैं क्यों की वो मंत्री पावरफुल है और उसी की वजह से आपको भी लोग जानेंगे की ये मंत्री के जान पहचान का है और आपका काम कर देते हैं.

यही काम होता है जब आपके ब्लॉग का लिंक किसी अच्छे वेबसाइट में होता है तो गूगल के bots उस पावरफुल वेबसाइट में मौजूद आपके बैकलिंक को पहचान लेते हैं और रैंकिंग को बढ़ाते हैं.

बैकलिंक के प्रकार – Types of backlink in Hindi

अगर मोटा मोटी कहा जाए तो बैकलिंक 2 तरह के होते हैं.

No Follow link 

जब एक वेबसाइट किसी दूसरे वेबसाइट से link करता है तो अगर उनके link के बीच “nofollow tag” होता है इस में link juice Pass नहीं होता है.

अगर सच कहूं तो Nofollow link आपके ब्लॉग को रैंक करने में किसी तरह की मदद नहीं करते हैं. गूगल और दूसरे सर्च की नज़र में Nofollow link की ज्यादा अहमियत नहीं होती है.

जब गूगल के bots Nofollow link को चेक करते हैं तो उस में उन्हें Nofollow relation दिखाई देता और से वो उस link को ignore कर देते हैं और उन्हें follow नहीं करते हैं. इसी वजह से इस में से link juice pass नहीं होता है.

Nofollow link का प्रयोग ब्लॉग मालिक या वेब मास्टर किसी ऐसे दूसरे साइट के लिए करते हैं जिसके बारे में उन्हें अधिक मालूम नहीं होता हैऔर जो unreliable होता है.

Do Follow link

अगर सामान्य तौर पर बैकलिंक की बात करें तो default रूप से सभी ब्लॉग या वेबसाइट के पोस्ट लिखें जाते हैं और उसमे लिंक जोड़े जाते हैं वो सभी link Dofollow होते हैं. ये सारे links link juice pass करते हैं.

इस का मतलब ये है की अगर आपके वेबसाइट का लिंक किसी दूसरे वेबसाइट में है और Dofollow है तो फिर गूगल bots उस link को follow करते हुए आपकी साइट को पहचान लेंगे और  साइट की रैंकिंग भी सुधर जाती है.

जब आप लिंक बिल्डिंग करते हैं तो सबसे जरुरी बात ये होती है की Nofollow link भी बनाना जरुरी है क्यूंकि अगर सिर्फ Dofollow बनाते हैं तो एक तरह से ये गूगल की तरफ से spam कहा जायेगा.

अगर आप 75% Dofollow बैकलिंक बना रहे हैं तो 25% Nofollow भी जरूर बनायें.

हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनाये?

भई हम तो अब समझ चुके हैं की बैकलिंक क्या होता है Dollow और Nofollow में क्या फर्क होता है लेकिन फिर यहाँ सवाल ये उठता है की आखिर बैकलिंक बनायें तो बनायें कैसे?

ये सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा की ये हाई क्वालिटी बैकलिंक हमे कहाँ से मिलेगा.

तो सीधी बात ये है की इस के कई तरीके हैं जिससे आप अच्छी वेबसाइट से Dofollow और Nofollow दोनों ही लिंक प्राप्त कर सकते हैं.

आप एक बिगिनर हैं तो ये मत समझिये की आपकी कोई वैल्यू नहीं है हर कोई ने as a beginner ही इस फील्ड में भी शुरुआत की है. शुरुआत में इसी तरह ट्रस्ट लेवल और डोमेन ऑथोरिटी बिल्डप करनी पड़ती है.

आप बस अच्छे कंटेंट लिखने में माहिर बनें आपको फिर किसी भी काम में मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा.

बैकलिंक्स बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है आप अपनी कंटेंट क्वालिटी सबसे अच्छी रखें उसके बाद link building करें.

चलिए अब जान लेते हैं की आखिर हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?

1. गेस्ट पोस्ट करें

मेरी राय में लिंक बिल्डिंग का सबसे अच्छा तरीका गेस्ट ब्लॉग्गिंग है.

इस में आपको Dofollow backlink मिलता है और सबसे बड़ी बात जब आप किसी अच्छे और बड़े वेबसाइट को गेस्ट पोस्ट देते हैं तो आपके साइट की पहचान बनती है.

साथ ही लोग आपको भी उस साइट के माध्यम से जानने लगते हैं. यहाँ तक की अगर साइट अच्छी है और उसकी ट्रैफिक भी बढ़िया है तो आपको वहां से ट्रैफिक मिलेगी.

ये तो बात रही बाहरी तोर पर अब मैं आपको इसके टेक्निकल फायदे भी बताता हूँ जब आप अपनी niche से मिलता जुलते वेबसाइट में गेस्ट पोस्ट लिख कर देते हैं तो गूगल के bots Dofollow लिंक को follow करते हुए आपकी साइट तक जाते हैं और आपके साइट का भी ट्रस्ट लेवल बढ़ता है साथ ही डोमेन अथॉरिटी भी बढ़ती है.

2. वेब डायरेक्टरी सबमिशन करे

बहुत सारी ऐसी डायरेक्टरी सबमिशन वेबसाइट है जहाँ पर जाकर आप अपने ब्लॉग की लिंक निच की केटेगरी के अनुसार सबमिट करें.

लिंक सबमिट करने के कुछ दिन बाद से आपको इसका असर भी दिखने लगेगा क्यूंकि इससे आपको Dofollow link मिलता है.

3. दूसरे ब्लॉग पर कमेंट करें

बैकलिंक बनाने का एक सबसे अच्छा तरीका ये है की अपनी niche के वेबसाइट में जाकर टॉपिक के अनुसार कमेंट करें.

इससे आपको Nofollow लिंक प्राप्त होता है लेकिन कुछ ऐसी भी वेबसाइट होती हैं जहाँ पर Dofollow लिंक भी मिलता है. वैसे default तौर पर कमेंट के प्लगइन के द्वारा इसे Nofollow tag के रूप में ही रखा जाता है.

4. डिस्कशन फोरम में प्रोफाइल बनायें

जब आप अपनी निच के अनुसार फोरम ज्वाइन करते हैं तो आपके वेबसाइट और ब्लॉग का लिंक भी डालने का मौका मिलता है.

अगर आप फोरम में लगातार प्रॉब्लम शेयर करते हैं और दूसरों के प्रॉब्लम को सोल्व करते हैं तो साथ में उससे जुड़े पोस्ट की लिंक भी शेयर कर सकते हैं इस तरह यहाँ से भी आपको भी Dofollow लिंक के साथ साथ ट्रैफिक भी मिल जाता है.

बैकलिंक के फायदे

बैकलिंक बनाने के अनेक फायदे हैं और कई बार तो किसी कीवर्ड पर कॉम्पिटेशन बहुत ज्यादा होती है और इसके बिना एसईओ अच्छी रखने पर भी रैंकिंग में सुधार नहीं होता.

चलिए अब जान लेते हैं की बैकलिंक बनाने के क्या फायदे हैं.

1. पोस्ट इंडेक्सिंग जल्दी होना 

जब हम किसी पोस्ट को पब्लिश करते हैं तो गूगल में इंडेक्स होने में काफी समय लग जाता है. वहीँ अगर उस पोस्ट की बैकलिंक बनाते हैं तो गूगल के crawlers link juice के माध्यम से उस पोस्ट को index करने में मदद करते हैं.

गूगल बोट्स को नयी पोस्ट के लिंक को ढूंढने में थोड़ा समय लगता है अगर उन की बैकलिंक बनी हुई न हो. नयी वेबसाइट के पोस्ट गूगल में इंडेक्स होने में काफी समय लगता है.

2. रेफेरल ट्रैफिक 

बड़ी वेबसाइट में जब हम अपनी पोस्ट के लिंक को डालते हैं तो पहले से ही उन वेबसाइट में बहुत ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से अच्छी जानकारी होने से वहां से ट्रैफिक हमारी वेबसाइट में भी आती है.

जब कोई पोस्ट को पढ़ता है तो वहां पर दिए गए लिंक को भी follow करते हुए आपकी वेबसाइट में जाता है.

3. डोमेन ऑथोरिटी का बढ़ना 

दूसरे बड़ी वेबसाइट में जुड़ने से धीरे धीरे डोमेन ऑथोरिटी भी बढ़ती है.

Domain Authority से पता चलता है की साइट की रेप्युटेशन गूगल की नज़र में कितनी है. जितनी अधिक डोमेन अथॉरिटी होगी उतनी जल्दी पोस्ट रैंक होता है.

4. आर्गेनिक ट्रैफिक में सुधार 

सबसे अच्छी ट्रैफिक आर्गेनिक तरफ़ीक होती ये सभी जानते हैं. गूगल के माध्यम से आने वाली ट्रैफिक ही आर्गेनिक ट्रैफिक कही जाती है. जब पोस्ट इंडेक्स होता है और गूगल के पहले पेज पर रैंक करने लगता है तो लोग सीधे और आसानी से ब्लॉग पर आने लगते हैं और इस तरह से अच्छी आर्गेनिक ट्रैफिक मिलनी शुरू हो जाती है.

संक्षेप में

हर दिन किसी न किसी पोस्ट में जानकारी अपडेट करना भी जरुरी है. जितना आप एक्टिव होंगे, गूगल के crawlers भी उसी तरह से आपके ब्लॉग को crawl करेंगे यानि प्रत्येक क्रिया के बराबर आपको गूगल की तरफ से रिएक्शन मिलता है.

आप जितना अधिक ब्लॉग में काम करेंगे गूगल भी आपके वेबसाइट में होने वाले अपडेट को उतना ही जल्दी और नियमित क्रॉल करता रहता है. अगर आप 15 दिन में एक पोस्ट डालेंगे और कुछ काम नहीं करेंगे तो उतने ही दिन में गूगल भी आपके साइट को crawl करेगा. 

दोस्तों आज की पोस्ट में आपने जाना की बैकलिंक क्या है (What is Backlink in hindi) और इसके क्या फायदे हैं. साथ यहाँ आपने ये भी जाना की बैकलिंक कितने प्रकार के होते हैं और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?

आपको इस पोस्ट के माध्यम से समझ में आ ही गया होगा की इसके क्या फायदे हैं तो अगर आपको ये पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम में अधिक से अधिक शेयर करें.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

8 thoughts on “बैकलिंक क्या है और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?”

  1. aap jitna bhi accha article likhlo blog ko optimize karlo fir bhi aapki site rank nahi hogi. aaj ke era me jiski backlink uski ranking. i mean quality backlinks from relevant sources.

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  2. kya naye website ko web directory me submission karna sahi rehta hai? iska koi negative impact to nahi padta?

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