सीडीओ अफसर कैसे बने?

क्या आपने भी सरकारी naukri प्राप्त करने का मन बना लिया है और जानना चाहते हैँ की सीडीओ ऑफिसर कैसे बने तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े.

भारत एक बहुत बड़ा देश है जिसमें कई धर्म तथा अलग-अलग भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं इस वजह से भारत को उपमहाद्वीप कहा जाता है। इतने बड़े देश को चलाने के लिए इसे राज्यों में विभाजित किया गया तथा राज्यों को चलाने के लिए जिला ब्लाक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विभाजित किया।

जिससे कि लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में तथा विभिन्न सेवाओं का फायदा जल्द से जल्द पहुंचाया जा सके इसका यह भी उद्देश्य था कि लोग बड़े आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान अपने संबंधित अधिकारियों को बता सके जब इन क्षेत्रों में अधिकारियों की आवश्यकता पड़ी तो सरकार ने विभिन्न विभाग में बांट दिया जिससे कि शिकायत कर्ता तथा कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाया जा सके।

इसी में से राज्य का सर्वोच्च अधिकारी होता है तथा जिला का एक सर्वोच्च अधिकारी होता है जिला के अंतर्गत ब्लॉक तथा ग्रामीण क्षेत्र आते हैं इन ब्लॉक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक जूनियर अधिकारी होते हैं जो जिलाधिकारी को नियमित रूप से सूचना प्रदान करते हैं। आर्टिकल के माध्यम से आपको इस पोस्ट के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तथा यह भी बताएंगे कि यह कैसे बनते हैं तथा इसके लिए कौन-कौन सी पात्रता होती है

सीडीओ क्या है?

सीडीओ जिसका पूरा नाम चीफ डवलपमेंट ऑफिसर है। यह प्रशासनिक पद है जो ज़िला स्तर पर होती है। जहां राज्य सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति उत्तरदाई होता है। यह अपने पद के अनुसार एक कलेक्टर के समान नियुक्त होता है जो दिए गए जिले में शहरी तथा ग्रामीण इलाको के विकास के लिए कार्य करता है। इसका केवल यही उद्देश्य होता है कि शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं तथा संबंधित विकास की जानकारी देना तथा कोई समस्या होने पर अपने सीनियर अधिकारी को सूचित करना है।

  • एसडीओ ऑफिसर कैसे बने?

सीडीओ बनने के लिए कौन-कौन सी पात्रता होनी चाहिए

अगर आप इस पद के लिए अपना आवेदन करना चाहते है तो पहले इसके लिए आपको निर्धारित की गई कुछ पात्रताओ से गुजरना होगा जो कि निम्लिखित है – अगर आपके पास नीचे निर्धारित की गई पात्रता होगी तभी आप इस पद पर निकलने वाली वाली वेकैंसी के लिए अपना आवेदन कर सकेंगे।

  • सीडीओ बनने के लिए आवेदक के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी अनिवार्य है।
  • आवेदक को लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा।
  • आवेदक भारत का नागरिक हो।
  • आवेदन दिए गए आयु तथा शैक्षणिक योग्यता को पूर्ण करता हूं आवेदक संचालित परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार तीनों चरणों में पास होना अनिवार्य है

शैक्षणिक योग्यता

अभ्यार्थी किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री पास करके यह परीक्षा दे सकता है। मतलब की इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आपके पास कोई डिग्री होना अनिवार्य है।

आयु सीमा

आयु सीमा को आरक्षित श्रेणी के अनुसार अलग-अलग बांटा गया है तथा इन्हें नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है सामान्य रूप से आवेदक 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होना चाहिए

सीडीओ के लिए प्रतियोगिता परीक्षा कौन सी है?

आपको इस पद के लिए संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं देना होगा। इसमें तीन चरण होते हैं जिसका पहला चरण प्राथमिक परीक्षा, दूसरा चरण मुख्य परीक्षा तथा तीसरा चरण साक्षात्कार होता है। इस पद के लिए आपको तीनों परीक्षाएं पास करना होगा उसके पश्चात ही आप इस पद के लिए सिलेक्ट हो पाएंगे परीक्षा का पैटर्न राज्य तथा केंद्र परीक्षा आयोग तय करता है उनके पास यह अधिकार होता है कि इस परीक्षा से संबंधित फेरबदल कर सकें।

प्रारंभिक परीक्षा

इस पद पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट को पहले संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा को पास करना होता है, इसमे मुख्यता 150- 150 नंबर के 2 पेपर होते है जिनकीं अवधि 2 घंटे की होती है।

मुख्य परीक्षण

प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद कैंडिडेट को मुख्य परीक्षा को पास करना होता है मुख्य परीक्षा में प्रातः 200 – 200 नंबर के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।

साक्षात्कार

इस पद पर चयनित होने का सबसे कठिन और सबसे मुख्य चरण होता है जब कैंडिटेड प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेता है तब इस परीक्षा के लिए उसे बुलाया जाता है। जिसमे अभ्यर्थी से योग्यता और तार्किक सवाल किए जाते है फिर इसी प्रदर्शन के आधार पर अभ्यर्थी का चयन किया जाता है।

सीडीओ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

आजकल प्रतिस्पर्धा निरंतर बढ़ती ही जा रही है इसको देखते हुए परीक्षा का पैटर्न भी चेंज होते रहता है किसी भी क्षेत्र की परीक्षा के लिए एक आयोग द्वारा निर्धारित सिलेबस होता है.

हमेशा अभ्यार्थी सिलेबस के अनुसार ही पड़ता है परंतु यह कार्य सारे लोग करते हैं उसके बाद ही कुछ उनमें से ही चयनित होकर इस पद के योग्य होते हैं यदि आप भी इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको एक अच्छे रणनीति की आवश्यकता होगी।

कठिन परिश्रम

आपको एक टाइम टेबल तथा निरंतर तैयारी करते रहनी होगी इसके लिए आपको बहुत ही कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी यदि आपके पास संयम तथा निरंतर पढ़ने की इच्छा शक्ति है तो आप यह परीक्षा पास कर पाएंगे इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा जो इस प्रकार है।

परीक्षा का पैटर्न के अनुसार तैयारी करे

आपको परीक्षा का पैटर्न पता होना चाहिए तथा उसी के अनुसार संबंधित विषयों का अध्ययन करें तथा उस पेटर्न के अनुसार पूछे गए सवाल की संख्या के आधार पर विषयों को तैयार करें इस तरह से आप पैटर्न का समझना जरूरी हो जाता है।

टाइम टेबल बनाएं

यदि आप अपनी दिनचर्या में एक टाइम टेबल बना लेते हैं तो यह आपके समय का सदुपयोग होगा यदि आपको जीवन में सफल होना है तो एक टाइम टेबल अवश्य बनाएं आपने अगर पैटर्न बना लिया है और उसे नियमित एक टाइम टेबल के अनुसार तैयार नहीं कर रहे हैं तो सिलेक्शन होना कठिन हो जाता है तथा इसे लचीला तथा आवश्यकता अनुसार फेरबदल करने योग्य बनाएं।

यदि कोई सब्जेक्ट 1 घंटे में समाप्त करने का रखा गया है तो उसे 1 घंटे ही पढ़ें तथा दूसरे सब्जेक्ट को पढ़ना शुरू कर दें इस तरह से आप एक अच्छा टाइम टेबल बनाकर परीक्षा में सफल हो पाएंगे

कोर्स को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करना

कोर्स को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करना अति आवश्यक होता है क्योंकि इससे आप भ्रमित नहीं होते हैं ज्यादातर लोग पूरी किताब को एक साथ पढ़ने की कोशिश करते हैं यह आपको भ्रम तथा समस्या पैदा कर सकता है। यदि आप किसी विषय को छोटे-छोटे टुकड़ों में टॉपिक वाइज बांटते दो आपको पढ़ने में आसानी होगी तथा आप इसे लंबे समय तक याद रख पाएंगे।

उपयुक्त स्थान

पढ़ाई के समय आप एक उपयुक्त स्थान का सिलेक्शन अवश्य करें क्योंकि एक शांति तथा उपयुक्त स्थान ही आपके सिलेक्शन की कुंजी बन सकती है जहां पर आप पढ़ाई कर रहे हैं वह शांत क्षेत्र होना चाहिए। उस जगह में पढ़ाई से संबंधित पुस्तक तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए इस तरह से काम अपने लक्ष्य की ओर बड़े आसानी से बढ़ पाएंगे और इस परीक्षा में सिलेक्ट हो पाएंगे।

सीडीओ की तैयारी के लिए नोट्स कैसे बनाएं?

यह ऑफिसर लेवल का पद होता है इसलिय इसका एग्जाम पास करना इतना आसान काम नही होता है बैसे भी आज हर युवा सरकारी नौकरी की तैयारी करने में लगा है इसलिय आज हर एग्जाम में कंपटीशन काफी बढ़ता जा रहा है, तो इस स्थिति में आपको इस पद से जुड़े एग्जाम को पास करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी तभी आप आप इसमे सफलता पा सकते है।

अब आप इस एग्जाम को आसानी से पास कर सके और इसकी तैयारी के लिए अपने अच्छे नोट्स बना सके लिए नीचे हमने कुछ जरूरी पॉइंट के बारे में बताया है जिन्हें फॉलो करके आप इस परीक्षा को पास करने के लिए अपने प्रॉपर नोट्स बना सकते है –

स्टडी मटेरियल

आपको बस यह बात ध्यान रखना होगा कि इस परीक्षा में आपसे किन-किन विषयों के बारे में जानकारी मांगी गई है। आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि स्टडी मटेरियल हम कहां से ला रहे हैं तथा इस स्टडी मैटेरियल को कौन सी संस्था तथा व्यक्ति ने बताया है।

अच्छे शब्दों का चयन

आपको ऐसे नोट्स तैयार करना चाहिए जो आपको बड़े आसानी से समझ में आ सके तथा जब आप मेंस की परीक्षा दे तो उसके लिए अच्छे शब्दों का चयन करें तथा जब आप नोट से बनाएं तो उन्हीं अच्छे शब्दों का एक नोट से बनाएं तथा उन्हें टॉपिक के अनुसार बैठकर उसके बारे में लिखते रहें।

शॉर्ट नोट्स

आप चाहे तो शॉर्ट नोट्स बना सकते हैं जब आप प्राथमिक परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तब यह नोट्स आपके लिए आवश्यक होगी आपको शॉर्ट नोट्स बड़े आसानी से दुकानों में मिल जाएंगे परंतु उनमें से भी जो आपको महत्वपूर्ण लगते हैं उनका अलग से एक नोट अवश्य बनाएं।

सीडीओ की शक्तियां क्या है?

यह पद एक ऑफिसर पद है इसलिए सरकार के द्वारा इस पद पर चयनित होने वाले व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की शक्तियां जिनके आधार पर काम कर सकता है:

  • सीडीओ अपने जिले के अंतर्गत आने वाले ब्लॉक तथा ग्रामीण इलाकों का सीनियर अधिकारी होता है।
  • यह सभी विकास से संबंधित योजनाओं की अध्यक्षता करता है
  • यह किसी भी योजनाओं को लागू करने का निर्देश दे सकता है।
  • यदि कोई ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उस पर वह कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
  • यदि कोई योजना ग्रामीण इलाकों तक नहीं पहुंच पा रही है तो उस पर सरपंच तथा संबंधित अधिकारियों को वह दंडित कर सकता है।
  • सीडीओ केवल अपने सीनियर अधिकारियों को ही रिपोर्ट देता है।
  • यदि सीडीओ को ऐसा लगता है कि इस विकास का में किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो वह सरकार से सीधे बोल सकता है।
  • यदि विकास से संबंधित कार्यों में अवरोध पैदा करता है तो वह उसे गिरफ्तार भी करवा सकता है।
  • सीडीओ जिले में केवल कलेक्टर के प्रति उत्तरदाई होता है सीडीओ कलेक्टर को अपनी जानकारी तथा रिपोर्ट दे सकता है।

वेतनमान

यह एक प्रथम वर्ग की नौकरी है इसका वेतनमान लगभग 37,000 से 67,000 तक होता है। इसके साथ इसमें कई प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं तथा समय-समय पर वेतन में बढ़ोतरी भी होते रहती है.

यदि किसी चीफ डेवलपमेंट ऑफीसर के बाद अलग से बाहर दिया जाता है तो उसके भी अलग से भत्ते दिए जाते हैं। इसके अलावा यदि इस पद पर चयनित अधिकारी किसी सरकारी काम से बाहर जाता है तो उसका सारा खर्च प्रशासन ही उठाता है।

सक्षेप में

जिले से छोटी इकाई ब्लॉक होता है जिसमे जिले के विभिन्न गॉव को जोड़ा जाता है, अब इन गॉव में सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पहुंचाना और ग्रामीण लोगो की समस्याओं को समाधान करने के लिए ब्लॉक स्तर पर इस पद के लिए हर ब्लॉक में एक सीडीओ ऑफिसर का चुनाव किया जाता है ताकि वह सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही गॉव में सरकारी योजनाओं की गतिविधियों का सुचारू रूप से संचालन कर सके.

बाकी आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिये इस पद से जुड़ी सभी जानकारी शेयर कर चुके है. आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे तथा जिसके भी मन में चीफ डवलपमेंट ऑफिसर बनने की इच्छा है तो वहां इस लेख को पढ़कर आधार भूत जानकारी प्राप्त कर सकते है और दिए गए सभी बिंदुओं पर विचार करके ही आप इस पद की परीक्षा के लिए प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं. इस लेख का उद्देश्य चीफ डवलपमेंट ऑफिसर के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जानकारी पहुंचाना ह

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

Leave a Comment