MBBS Full Form – एमबीबीएस का पूरा नाम क्या है?

आज भारत के छात्रों में डॉक्टर बनने की उम्र काफी ज्यादा देखी जाती है और वह पढ़ाई करके एक अच्छे डॉक्टर के रूप में स्थापित होने का सपना देखते हैं लेकिन क्या आपको यह मालूम है कि एमबीबीएस का फुल फॉर्म क्या है (MBBS Full Form) और उसका हिंदी में पूरा नाम क्या होता है

अगर आपको नहीं मालूम कि इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या होता है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पड़े क्योंकि इसमें हम आपको इससे जुड़ी हर प्रकार की जानकारी देने जा रहे हैं.

अगर आपके परिवार वाले भी आपको एक डॉक्टर के रूप में देखना चाहते हैं तो आपको इस शब्द की जानकारी जरूर होनी चाहिए क्योंकि यह एक मेडिकल से जुड़ा एक बहुत ही लोकप्रिय कोर से तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से

MBBS का फुल फॉर्म क्या है – What is the full form of MBBS in Hindi?

MBBS का फुल फॉर्म Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery है.

इसका हिंदी में पूरा नाम बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी होता है.

जिसका हिंदी अर्थ होता है चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक. यह डिग्री मेडिकल की फील्ड में एक बैचलर डिग्री के कोर्स के रूप में प्राप्त होती है जब कोई उम्मीदवार इसकी पढ़ाई करते हुए से सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है तो उसके नाम के आगे डॉक्टर शब्द का प्रयोग किया जा सकता है

जिन्हें भी यह कोर्स करना होता है उन्हें 12वीं में साइंस लेकर पढ़ना पड़ता है और जिसके अंतर फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के विषय रखने होते हैं.

पढ़ने वाले छात्रों के बीच में सबसे पॉपुलर कोर्स में से इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की ही कोर्स होती हैं.

डॉक्टर कैसे बने और डॉक्टर बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए इसके लिए हमारा आर्टिकल जरूर पढ़ें.

एमबीबीएस करने की योग्यता क्या होती है?

जैसा कि आपको पता है एमबीबीएस एक डॉक्टर से संबंधित कोर्स है जिसे वही उम्मीदवार कर सकता है जो अपनी ट्वेल्थ की पढ़ाई पीसीएम सब्जेक्ट को लेकर पढ़ा है अर्थात जिस अभ्यर्थी के द्वारा 12वीं की परीक्षा फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय के साथ दी गई है. 

इसके साथ-साथ 12वीं कक्षा में इनका परसेंटेज 50% या इससे ज्यादा आया हो तभी वे एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकते हैं. 

हालांकि इस कोर्स की पढ़ाई के लिए 12वीं कक्षा में 50% मार्क्स लाना अनिवार्य है लेकिन आरक्षित वर्गों के विद्यार्थियों के लिए 12वीं कक्षा की परसेंटेज 40% होना आवश्यक है, सरकार द्वारा आरक्षित वर्गों के विद्यार्थियों को 10% मार्क्स की छूट दी गई है.

एमबीबीएस कोर्स को करने के लिए आपको कॉलेज में एडमिशन तभी मिलेगा जब आप इसकी एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करेंगे जिसको नीट एग्जाम कहा जाता है, एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए उम्मीदवारों को नीट एग्जाम क्लियर करना होता है, 

नीट एग्जाम के अंतर्गत 2 कोर्स होते हैं पहला जेआई एम ई आर एमबीबीएस एग्जाम तथा दूसरा एआईआईएमएस एमबीबीएस एग्जाम, यदि वह नेट एग्जाम में सफल होते हैं तभी वह एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं अन्यथा नहीं.

एमबीबीएस की पढ़ाई कर उम्मीदवारों को डॉक्टर का पद मिलता है तथा डॉक्टर के कार्यों से संबंधित जितने भी पढ़ाई होती है सारे इंग्लिश में होती है इसलिए एमबीबीएस कर रहे विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में पकड़ अच्छा होना चाहिए.

इन सभी योग्यताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा जारी किए गए नियम को सुनिश्चित ढंग से फॉलो करना जरूरी है.

  • इस कोर्स को करने वाले छात्रों को 12वीं हिस्ट्री और बायोलॉजी रखना अनिवार्य होता है इसके अलावा उन्हें 50% अंकों के साथ पास होना भी जरूरी है.
  • छात्र की आयु 17 से 25 वर्ष के बीच में होना अनिवार्य है.
  • जो छात्र sc-st से बिलॉन्ग करते हैं उन्हें 5 वर्ष की छूट भी दी जाती है.
  • मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए छात्रों नीट का एग्जाम पास करना जरूरी होता है जब वह इस परीक्षा में बात करके अच्छे अंक को हासिल कर लेते हैं.
  • तो फिर उन्हें बेहतरीन मेडिकल कॉलेज प्रदान की जाती है जहां पर वह पढ़ाई करके अपनी डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करते हैं.

अगर भारत की बात करें तो इस कोर्स को करने के दो विकल्प होते होते हैं जो कि सरकारी और गैर सरकारी हैं कॉलेज की बात करें तो इनमें प्राइवेट की तुलना में फीस कम ही होती है.

जहां एक और हम बात करें तो एम्स जैसे मेडिकल कॉलेज में 1 साल की फीस ₹1390 के आसपास होती हैं वही किसी अन्य प्राइवेट कॉलेज की बात करें तो उनकी 1 साल की फीस 4 से 500000 भी हो सकते हैं.

जो विद्यार्थी डॉक्टर बनने की चाहत रखते हैं उनके लिए इस एमबीबीएस का कोर्स करना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि बिना एमबीबीएस कोर्स के कोई अभ्यर्थी डॉक्टर नहीं बन सकता. 

इसलिए एमबीबीएस को डॉक्टर के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण कोर्स का दर्जा दिया गया है. जो विद्यार्थी एमबीबीएस की कोर्स पूरा करते है वे अपने नाम के आगे डॉक्टर “मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया” के द्वारा रजिस्टर करवा सकते हैं.

एमबीबीएस का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी होता है तथा इसका हिंदी फुल फॉर्म चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक होता है.

कुछ ऐसे उम्मीदवार होते हैं जिन्हें एमबीबीएस की फुल फॉर्म नहीं पता होती लेकिन इस कोर्स का फुल फॉर्म जानना आवश्यक है क्योंकि आप जिस भी कोर्स की तैयारी कर रहे हैं उसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी जानेंगे तो आपके लिए वह कोर्स करना आसान होगा.

 उम्मीदवारों के द्वारा एमबीबीएस की कोर्स कंप्लीट करने  में 5 साल लग जाते हैं जिसमें 1 साल इनको इंटरशिप करना होता है.

इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवारों को हॉस्पिटल्स में फिजीशियन डॉक्टर के रूप में एवं अन्य कई तरह के मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर काम दिया जाता है जिसमें उनका प्रैक्टिस होता है.

आयु सीमा कितनी होनी चाहिए?

एमबीबीएस के कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 17 वर्ष तथा अधिकतम आयु 25 वर्ष होती है, इस आयु सीमा के अंतर्गत  जिस अभ्यर्थी की आयु होती है वही डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकते.

वहीं दूसरी और आरक्षित वर्गों के कैंडिडेट को सरकार द्वारा आयु में छूट दी जाती है.

एमबीबीएस की अवधि कितनी होती है?

एमबीबीएस ऐसा कोर्स है जिसकी अवधि 5.5 साल की होती है इस दौरान  4.5 साल विषयों की पढ़ाई करनी होती है तथा 1 साल इंटर्नशिप करवाया जाता है. इंटरशिप के दौरान उन्हें कई प्रकार के हॉस्पिटलों में असिस्टेंट मेडिकल के रूप में काम करवाया जाता है जिससे उनकी प्रैक्टिस हो जाती है.

एमबीबीएस की कोर्स क्या है?

जो उम्मीदवार एमबीबीएस की तैयारी करते हैं उनको सबसे पहले नीट एग्जाम क्लियर करना होता है क्योंकि एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए कॉलेज में एडमिशन लेना आवश्यक है और कॉलेज में एडमिशन तभी होगा जब वह एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करेंगे 

नीट की परीक्षा एंट्रेंस एग्जाम के तौर पर ली जाती है, जो अभ्यर्थी नेट एग्जाम क्लियर करता है उसका ही एडमिशन एम बी बी एस के कॉलेज में होती है.

जब उम्मीदवारों द्वारा एंट्रेंस एग्जाम क्लियर होती है उसके दौरान उनका एडमिशन एमबीबीएस के पॉपुलर कॉलेजों में करवाई जाती है,

 उम्मीदवार अपने अनुसार एम बी बी एस के कॉलेज में एडमिशन लेते हैं कई विद्यार्थी प्राइवेट एमबीबीएस कॉलेज में पढ़ाई करते हैं तो कई ऐसे विद्यार्थी होते हैं जो सरकारी एमबीबीएस कॉलेज में पढ़ कर इस डिग्री को कंप्लीट करते हैं.

पहले साल में विद्यार्थियों को इस डिग्री के अंतर्गत तीन विषय को पढ़ना होता है, एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री तथा फिजियोलॉजी, 

दूसरे साल में अभ्यर्थियों के द्वारा फार्मोकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी तथा फॉरेंसिक दवा इत्यादि विषयों को पढ़ा जाता है. 

तीसरे वर्ष में सामाजिक चिकित्सक, नेत्र विज्ञान एवं निवारक जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाती है. विश्व के शिक्षा के अंतिम साल में विद्यार्थियों के द्वारा स्त्री रोग, बाल रोग, सर्जरी ऑर्थोपेडिक्स तथा मेडिसिन इत्यादि विषयों की पढ़ाई करते हैं. उसके पश्चात उन्हें 1 साल की इंटरशिप कराई जाती है जिसमें उनको सिर्फ प्रेक्टिस करना होता है.

एमबीबीएस कोर्स की फीस कितनी होती है?

एमबीबीएस कोर्स को करने के लिए अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेना जरूरी है और हमारे भारत देश में एमबीबीएस कॉलेज बहुत है जिसमें कुछ प्राइवेट कॉलेज हैं और कुछ सरकारी कॉलेज है. 

जो विद्यार्थी रिच फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं वे अक्सर एमबीबीएस की पढ़ाई प्राइवेट कॉलेज में करके डॉक्टर का पद हासिल कर लेते हैं 

जो उम्मीदवार गरीब फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं वे प्राइवेट कॉलेज की फीस देने में सक्षम नहीं होते इसलिए वे सरकारी एमबीबीएस कॉलेज से इसकी पढ़ाई करते हैं.

प्राइवेट कॉलेज में इस कोर्स की फीस प्रतिवर्ष 900000 से 1200000 रुपए ली जाती है 

वही सरकारी कॉलेज की बात करें तो एक उम्मीदवार की फीस प्रतिवर्ष 1390 ली जाती है. इस प्रकार सरकारी कॉलेज की फीस प्राइवेट कॉलेज की अपेक्षा बहुत ही कम होती है.

इस सभी फीस के  दौरान 1 साल जो उम्मीदवारों को इंटरशिप कराई जाती है उनका फीस कॉलेज नहीं लेती इंटरसिटी फ्री  में करवाई जाती है.

कुछ एमबीबीएस कॉलेज के नाम:-

  • Armed forces medical College, Pune
  • Seth GS medical College, Mumbai
  • Maulana Azad medical College ,Delhi
  • Christian medical College, vellore

यदि आप भी डॉक्टर बनने की सपना रखते हैं तो इसके लिए आपको इन सभी कॉलेजों में से एक कॉलेज में एडमिशन लेना होगा और एडमिशन लेने के लिए नीट एग्जाम क्लियर करना जरूरी है तभी आपका एडमिशन इन सभी कॉलेजों में से एक कॉलेज में हो पाएगा.

एमबीबीएस कोर्स  के बाद डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?

आज की जनरेशन में हर एक विद्यार्थी का सपना सरकारी नौकरी पाने का होता है जिसमें डॉक्टर बनना भी एक सरकारी नौकरी है 

इसलिए अधिकतर विद्यार्थी एमबीबीएस की तैयारी पूरी मेहनत और लगन से करते हैं, कई विद्यार्थियों को एमबीबीएस की फुल फॉर्म नहीं पता रहती इसके साथ साथ एमबीबीएस से संबंधित जानकारी अभ्यर्थी जानने के लिए विभिन्न प्रकार के साइट में सर्च करते हैं.

जो विद्यार्थी एमबीबीएस की कोर्स को पूरा करते हैं और उसके पश्चात जनरल फिजिशियन बनते हैं उनकी सैलरी 5 से ₹600000 होती है. वहीं यदि आप मेडिकल असिस्टेंट अर्थात सर्जन बनना चाहते हैं

इसमें आपको लोगों की सर्जरी करनी होगी और इस डॉक्टर के पद में आपको तीन से ₹400000 सैलरी के रूप में मिलती है. 

यदि आप एमबीबीएस के कोर्स पूरा कर चुके हैं और इसके पश्चात शिशु चिकित्सक बनना चाह रहे हैं तो इसमें आपको 4 .5 लाख की सैलरी दी जाती है.

इस प्रकार एमबीबीएस के उम्मीदवार डॉक्टर के अनेक क्षेत्रों में जॉब लेकर अच्छी खासी सैलरी कमा सकते हैं.

एमबीबीएस करने के बाद क्या करें

एमबीबीएस डिग्री लेने के पश्चात करियर ऑप्शन क्या रहता है?

यदि आप एमबीबीएस की डिग्री पूरी कर लिए हैं अर्थात साडे 5 साल की कोर्स को पूरा कर लिए हैं तो इसके पश्चात आप एमडी या एमएस पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री के लिए फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं, कई उम्मीदवार इस डिग्री के लिए फॉर्म अप्लाई ना करके क्वालिफाइड डॉक्टर के रूप में वर्क करना शुरू कर देते हैं जिसमें वह उम्मीदवार एक डॉक्टर बन जाता है. 

डॉक्टर जो इस धरती पर जी रहे हर एक व्यक्ति के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, बड़ी से बड़ी बीमारी से ग्रसित मरीजों को दोबारा जिंदगी डॉक्टर द्वारा मिलती है.

डॉक्टर हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो बीमारियों से ग्रसित पेसेंस को ठीक करके अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है. 

इन सभी गुणों के कारण समाज में एक डॉक्टर का पद सर्वश्रेष्ठ माना जाता है इसके साथ-साथ हर एक डॉक्टर को सम्मान और इज्जत दिया जाता है.

इस कोर्स को पूरा करने के बाद आपके पास करियर ग्रुप में बहुत सारे विकल्प होते हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं और अपने प्रैक्टिस को जारी रख सकते हैं या फिर अच्छा करियर बना सकते हैं जिनमें सबसे प्रमुख निम्नलिखित हैं

  • निजी अस्पताल
  • सरकारी हॉस्पिटल
  • लेबोरेटरी या प्रयोगशाला
  • बायो टेक्नोलॉजी
  • फार्मास्यूटिकल कंपनी
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
  • मेडिकल कॉलेज
  • बायोमेडिकल कंपनियां

निष्कर्ष

पढ़ लिख कर अच्छी पद पर काम करने की ख्वाहिश सभी की होती है वहीं कुछ ऐसे बच्चे भी होते हैं जो पढ़ाई करने के दौरान ही यह निर्णय ले लेते हैं कि वह बड़े होकर डॉक्टर बनना पसंद करेंगे

मेडिकल के क्षेत्र में भी बहुत सारे कोर्स है कुछ बारे में हमने यहां पर बताया और यह जाना कि MBBS का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of MBBS in Hindi)? और इसका हिंदी में पूरा नाम क्या है.

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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