स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – Swachh bharat abhiyan essay in hindi for class 6, 7, 8, 9, 10

सफाई स्वस्थ जीवन के लिए काफी जरूरी होती है और सफाई सिर्फ अपने घर की नहीं बल्कि अपने आसपास के क्षेत्र की भी होनी जरूरी है. अक्सर लोगों को देखा जाता है न कि वह सिर्फ अपनी सफाई से मतलब रखते हैं इसलिए आज स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh bharat abhiyan essay in hindi) के माध्यम से जानेंगे कि सफाई यह क्यों महत्वपूर्ण है.

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन है भारत के सड़कों, गलियों, पगडंडियों समेत चप्पे-चप्पे की सफाई करना है. इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की गई थी.

पहली बार इस सपने को महात्मा गांधी ने देखा था और उन्होंने देश तो आज आप तो करा दिया था लेकिन सफाई अभियान करके भारत को स्वच्छ करना यह सपना उनका पूरा ना हो सका. लेकिन देशवासी मिलकर उनके इस सपने को साकार करें.

इस लेख में हम आपको स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (essay on swachh bharat abhiyan in hindi) के माध्यम से लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हर कोई इसके महत्व को समझ सके और अपने घर के अलावा पास पड़ोस के जगहों को भी साफ रखें.

(Short and Long Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi)

swachh bharat abhiyan par nibandh - स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

निबंध – 1 (200 शब्द)

प्रस्तावना

विश्व स्तर पर पृथ्वी को साफ रखने के कई कोशिशें की जा रही हैं. भारत भी किसी से पीछे नहीं है और इसीलिए पूरे भारत में स्वच्छ भारत अभियान की नींव रखी गई और इस को सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है. विश्व में गंदगी की वजह से कई बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो चुकी हैं.

पूरा विश्व इस समस्या के समाधान के लिए और प्रकृति को स्वच्छ रखने के लिए अनेकों अभियान चला रहे हैं. लाखो टन कूड़े कचरे महासागरों में डाले जाते हैं जिससे समंदर भी प्रदूषित होता जा रहा है. भारत भी इन देशों से कहीं पर एक कदम पीछे नहीं है और यहां पर भारत को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की स्थापना की गई है.

स्वच्छ भारत मिशन क्या है?

भारत की प्रत्येक गली, सड़क, मोहल्ला को साफ रखने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 ईस्वी को की गई. भारत के प्रधानमंत्री ने खुद इस परियोजना की शुरुआत अपने हाथों से की और लोगों को अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखने के लिए प्रोत्साहित किया.

सभी देशवासियों से यह आग्रह किया कि कभी भी कूड़े कचरे को बाहर ना फेंके बल्कि कूड़ेदान में इसे डालें और अगर कोई कूड़ा आसपास दिखाई दे तो उसे कूड़ेदान में डाल दें.

इसके अलावा भी शौचालयों के निर्माण पर जोर दिया गया जोकि प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. भारत की बहुत बड़ी जनसंख्या शौच के लिए स्थान पर जाती है इसे रोकने के लिए प्रत्येक गांव में शौचालयों का निर्माण किया गया. 2014 से 2019 तक के पहले कार्यकाल में सरकार ने इस अभियान को जोरों शोरों से चलाया आर्य अभी भी जारी है.

निष्कर्ष

गांधीजी के 150वीं जन्मदिन पर जन्मदिवस पर इस अभियान की शुरुआत की गई ताकि पूरे देश को स्वच्छ बनाया जा सके. देश के लोगों ने भी इस अभियान द्वारा मिलने वाली सुविधा का लाभ उठाया पर इस अभियान में भागीदारी ली.

निबंध – 2 (400 शब्द)

प्रस्तावना

भारत एक विशाल देश है और इसमें किसी भी प्रकार की योजना को सफल बनाना एक कड़ी चुनौती है. इतने विशाल देश में 135 करोड़ की जनता रहती है जो 36 राज्यों में विभाजित है और 706 लाखों गांव इसके अंतर्गत आते हैं.

भारत को स्वच्छ बनाने के लिए प्रत्येक गांव में जाकर लोगों को जागरूक बनाना और सफाई के लिए अग्रसर रहने की अपील करना एक बहुत बड़ी बात है. लेकिन आजादी के पहले गांधीजी के देखे गए सपने को साकार करने के लिए भारतीय सरकार ने इस परियोजना की शुरुआत की और इसका नाम स्वच्छ भारत अभियान रखा.

स्वच्छ भारत अभियान का परिचय

एक बड़े देश को साफ करने के लिए इसकी जनता को जागरूक होना काफी जरूरी है इसलिए भारत के प्रधानमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत खुद अपने हाथों से की और लोगों को यह बताया कि इंसान को सफाई के लिए शर्म नहीं करना चाहिए.

उन्होंने खुद झाड़ू पकड़कर सड़क के किनारे पड़े कचरे को साफ करके लोगों को बताया कि हर इंसान को सफाई की जिम्मेदारी खुद उठानी है इस प्रकार उन्होंने इस मिशन को लोगों तक पहुंचाया और सबसे पहला काम भारत के प्रत्येक गांव में शौचालय निर्माण किया.

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत

भारत की स्वच्छता का सपना गांधी जी ने देखा था और इसीलिए उनके जन्मदिन के अवसर पर 2 अक्टूबर 2014 ईस्वी को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई. क्या हम सब स्वस्थ हो जाते हैं जब सिर्फ अपने घर की सफाई कर लेते हैं कि हमें अपनी पूरी जिंदगी एक घर के अंदर बितानी होती है इसका उत्तर है नहीं.

हमें अपने विभिन्न कामों को पूरा करने के लिए घर के बाहर निकलना पड़ता है, पढ़ाई करने के लिए विद्यालय जाना पड़ता है, उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज जाना होता है, और कमाई करने के लिए किसी दफ्तर या तो दुकान में जाना पड़ता है.

जब तक हम अपने आसपास के वातावरण को साफ नहीं करेंगे तब तक यह पूरी तरह से साफ नहीं हो सकता है. या किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है बल्कि देश संपूर्ण मानव जाति का काम है. भारतीय सरकार ने इसे अपनी जिम्मेदारी बताते हुए अभियान की शुरुआत की और लोगों को जागरूक करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की.

भारत के 6,03,175 में लाखों 10,28,67,000 शौचालयों का का निर्माण किया गया. यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय सरकार ने कितनी बड़ी संख्या प्राप्त की.

निष्कर्ष

किसी भी देश की उन्नति उसके प्रत्येक नागरिक पर निर्भर करती है. जब देश का एक नागरिक कामयाब होता है तो अपने राष्ट्र का नाम रोशन करता है और देश की ख्याति भी कोने कोने तक पहुंचती है. स्वच्छ भारत के लिए हर नागरिक का अग्रसर होना काफी आवश्यक है क्योंकि ऐसा काम है जो सिर्फ सरकार करेंगे जरूरी नहीं है बल्कि इसके लिए हर एक नागरिक को खड़ा होना होगा.

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना:

अपनी यह कहावत जरूर सुनी होगी कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास रहता है. हर इंसान की स्वास्थ्य के महत्व उतना ही है जितना उसकी अच्छी जिंदगी का और इस अच्छे स्वास्थ्य वाली जिंदगी तभी संभव है जब अच्छे और स्वच्छ वातावरण में रहते हैं. भाई जब अंग्रेजों का गुलाम था उस वक्त ही महात्मा गांधी एक स्वच्छ भारत की कल्पना करते थे और चाहते थे कि एक उभरते हुए भारत की तस्वीर ऐसी हो जहां पर हर चीज सोच दिखाई दे.

स्वच्छ भारत अभियान का परिचय

महात्मा गांधी के उस सपने को साकार करने के लिए भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 ईस्वी को स्वच्छ भारत मिशन की स्थापना की एवं इसकी शुरुआत पूरे भारत में की गई. भारत सरकार ने इसकी शुरुआत खुद अपने हाथों से की और लोगों को जागरूक करने के लिए खुद से झाड़ू भी लगाया.

लोगों में उत्साह बढ़ाने के लिए इस प्रकार कई बड़े सितारों ने भी इस पर हिस्सा लिया. भारत को सुपर पावर बनाने के साथ-साथ दुनिया के स्वच्छ देशों की सारणी में भी ऊंचा स्थान पाने के लिए इस अभियान पर काफी मेहनत की गई.

भारत की बहुत बड़ी संख्या खुले में शौच करने और जिससे कि पर्यावरण को काफी नुकसान होता था. स्वच्छ भारत की न्यू रखने के लिए सबसे पहले इसकी शुरुआत शौचालयों के निर्माण से की गई भारत के 36 राज्यों में कुल 706 जिलों के अंतर्गत 6,03,175 शामिल किया गया. पूरे भारत में 10,28,67,000 शौचालयों का निर्माण सफलतापूर्वक किया गया.

इस मिशन गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए किया गया था और इसके लिए जितने भी शौचालय बनाए गए हैं उनके पीछे गांधीजी के चश्मे को प्रतीक के रूप में उपयोग किया गया है.

लोगों को खुले में शौच करने से मुक्ति दिलाने के लिए यह एक अनोखा कदम है और भारतीय सरकार ने इसे गांव-गांव तक शौचालय निर्माण कर रोकने की कोशिश की है. पूरे देश में कई बड़ी समस्याएं हैं और स्वच्छ भारत बहुत बड़े मिशन ओं में से एक है इसीलिए शौचालयों के निर्माण को सर्वप्रथम महत्वपूर्ण घोषित किया गया और इसे पूरा किया गया.

ऐसे लोगों की मानसिकता को बदलना काफी मुश्किल है क्योंकि जब भारत सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी तो खुद से सफाई करना शुरू किया था और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया था. लेकिन यह जानना काफी महत्वपूर्ण है कि स्वच्छ भारत का मिशन तभी सफल हो सकता है जब इसमें भारत का हर एक नागरिक खुद अपनी जिम्मेदारी को समझें और खुद ही साले और इसका एक भाग बने.

निष्कर्ष

जो इंसान अपने घर को साफ नहीं रख सकता वह देश को भी साफ नहीं कर सकता. शरीर की सफाई हर इंसान करता है लेकिन सिर्फ शरीर की सफाई आपको स्वस्थ नहीं रख सकती उसके लिए आपका घर स्वस्थ रहना जरूरी है और उसके आसपास का वातावरण.

इंसान की जिंदगी एक कमरे के अंदर नहीं बल्कि उसे अपने घर के बाहर भी जाना पड़ता है और दूसरे कामों को करना होता है. जब तक हर इंसान इस जिम्मेदारी को समझ कर अपने आसपास की जगहों को खुद साफ नहीं करता तो कोई उसकी मदद नहीं कर सकता.

स्वच्छ भारत का मिशन ही प्रत्येक देश के नागरिक पर निर्भर करता है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझकर सफाई में हिस्सा लेने लगेगा तो हमारा भारत खुद स्वच्छ हो जाएगा.

निबंध – 4 (600 शब्द)

प्रस्तावना

स्वच्छ जिंदगी जीने के लिए स्वच्छता सिर्फ शरीर में नहीं बल्कि आसपास के वातावरण में भी होना जरूरी है. भारत की सभ्यता और संस्कृति काफी प्राचीन है और यहां पर प्रारंभ से ही सुव्यवस्थित जीवन की प्रीति रही है. स्वच्छता को हमेशा से ही महत्वपूर्ण माना जाता है.

विश्व स्तर पर भूमि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या काफी बढ़ रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह पर्यावरण का दूषित होना है. समुद्रों में भी कूड़े-कचरे का अंबार फेंक दिया जाता है. यह हम सब की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हम अपने आसपास के स्थानों को भी साफ करें.

स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत

लेकिन हाल के कुछ वर्षों में सफाई को महत्व देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की. गांधी जी के सपनों को साकार करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 ईस्वी को अगले 5 वर्षों के लिए यह लक्ष्य बनाकर इस अभियान की शुरुआत की कि देश को स्वच्छ बनाना है.

गांधी जी का यह सपना था कि जब अपना भारत आजाद होगा तो इससे हम स्वच्छ भारत मिशन के जरिए और भी साफ रखेंगे जिससे कि होने वाले संक्रमण रोगों से भारतीयों का आजादी मिलेगी.

भारत के कई हिस्सों में आज भी लोग खुले में शौच करते हैं पर पर्यावरण को दूषित करते हैं. घर में शौचालय होने के बावजूद उन्हें खुले में शौच करना ज्यादा पसंद होता है. यह जानबूझकर की गई एक लापरवाही है जो उनके गलत मानसिकता को प्रदर्शित करती है.

आज इस सोच को बदलने की जरूरत है. जब तक सोच नहीं बदलेगा तब तक भारत आगे नहीं बढ़ सकता.

कई बड़ी हस्तियों ने भी इस पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया क्योंकि सभी जानते हैं कि सफाई कितनी जरूरी है और यह मानव जीवन के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2019 के सर्वे के अनुसार विश्व के सबसे गंदे देशों में से भारत पांचवा देश है. यह आंकड़ा यह बताता है कि आज भी हमारे देश में गंदगी का स्तर कितना ऊंचा है और हमें और भी मेहनत करनी है.

विश्व के सबसे स्वच्छ देशों में बहामास, आइसलैंड, फिनलैंड इत्यादि आते हैं. इन देशों का क्षेत्रफल छोटा है लेकिन यह हर इंसान की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखें.

भारत स्वच्छ मिशन अभियान के अंतर्गत कई बड़ी योजनाओं पर काम करना 2014 से ही शुरू कर दिया है जिसमें से एक योजना पूरे देश में शौचालय का निर्माण करना है. इस योजना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 10,28,67,000 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है.

भारत के 36 राज्यों में इस अभियान के तहत 20,76,313 शौचालयों का निर्माण करके 6,03,175 गांव को खुले में शौच करने से आजादी दी जा चुकी है.

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जितने भी शौचालय बनाए जाते हैं उनके बाहर गांधीजी के चश्मे को प्रतीक चिन्ह के रूप में बनाया जाता है.

स्वच्छ भारत मिशन की आवश्यकता

  • भारत को स्वच्छ देशों में से एक देश बनाना.
  • लोगों को आसपास के वातावरण की सफाई के लिए जागरूक करना.
  • लोगों के जीवन स्तर को ऊपर ले जाना.
  • लोगों के अपने सफाई के साथ पर्यावरण की सफाई के प्रति भी जागरूक करना.
  • लोगों को प्रोत्साहित करना कि खुले में शौच ना करें.

निष्कर्ष

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में शुरू की गई स्वच्छ भारत योजना यह अभियान जो भी कहे एक लोगों ने इस पर बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया है और जिसकी वजह से पूरे देश में लाखों शौचालयों का निर्माण किया गया.

भारत की जनता ने इस अभियान को सफल बनाने में काफी योगदान दिया है और गंदगी को देखते ही उसे साफ करने के लिए भी उत्साहित हुए हैं. स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कई बड़ी हस्तियों ने भी भारत सरकार का इस कदम को सम्मान करते हुए इसमें भागीदार बने.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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