भारत में जब भी बात होती है देश की सुरक्षा की, तो सेना का नाम सबसे पहले आता है। हमारे जवान सिर्फ सीमाओं की रक्षा ही नहीं करते बल्कि हर नागरिक के दिल में गर्व भी जगाते हैं।
इन्हीं जवानों की परंपरा को नया रूप देने के लिए केंद्र सरकार लेकर आई Agneepath Scheme — एक ऐसी योजना जिसने देश के लाखों युवाओं के बीच उत्साह और बहस दोनों को जन्म दिया है।
सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना से भारतीय सेना को आधुनिक बनाया जाए, युवाओं को देश सेवा का मौका मिले, और एक अनुशासित, आत्मनिर्भर पीढ़ी तैयार की जाए।
लेकिन वहीं दूसरी ओर, इस स्कीम को लेकर कुछ विवाद और सवाल भी उठे — खासकर नेपाल सरकार द्वारा गोरखा सैनिकों की भर्ती को लेकर लिए गए फैसले ने चर्चा को और गहरा कर दिया।
अग्निपथ स्कीम क्या है?
अग्निपथ स्कीम (Agneepath Scheme) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक डिफेंस भर्ती योजना है, जिसके तहत देश के युवा ‘अग्निवीर’ के रूप में सेना में भर्ती हो सकते हैं।
इस योजना के तहत चयनित उम्मीदवारों को चार साल की अवधि के लिए भारतीय सेना, नौसेना या वायुसेना में सेवा का मौका दिया जाता है।
इनमें से 25% अग्निवीरों को स्थायी भर्ती दी जाएगी, जबकि 75% को सम्मानपूर्वक रिटायर किया जाएगा और उन्हें एकमुश्त आर्थिक पैकेज “सेवा निधि” दिया जाएगा।
अग्निपथ स्कीम की मुख्य बातें
- सेवा अवधि: 4 वर्ष
- भर्ती आयु सीमा: 17.5 से 21 वर्ष
- मासिक वेतन: ₹30,000 से ₹40,000 तक
- रिटायरमेंट राशि: लगभग ₹11 लाख “सेवा निधि”
- पेंशन: नहीं दी जाएगी
- प्रशिक्षण अवधि: 6 महीने तक
- लाभार्थी नाम: “अग्निवीर”
नेपाल और गोरखा सैनिकों का मामला
भारत की सेना में सदियों से गोरखा सैनिकों की अहम भूमिका रही है। लेकिन अग्निपथ स्कीम आने के बाद नेपाल सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
नेपाल का कहना था कि उन्हें इस नई योजना पर भारत से और बातचीत की जरूरत है, क्योंकि यह योजना परंपरागत गोरखा रेजिमेंट भर्ती समझौते से अलग है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि नवंबर में होने वाले चुनावों के बाद ही वे इस मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय लेंगे।
वहीं भारत की ओर से आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि अगर नेपाल सरकार जल्द मंजूरी नहीं देती, तो गोरखा सैनिकों की भर्ती को अन्य क्षेत्रों में redistribute किया जाएगा।
👉 यह विवाद बताता है कि अग्निपथ स्कीम सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की रणनीतिक चर्चा का हिस्सा बन चुकी है।
अग्निपथ योजना की घोषणा और उद्देश्य
भारत सरकार ने 14 जून 2022 को इस स्कीम की घोषणा की थी।
इसका मकसद था — भारतीय सेना को युवा, टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली और cost-efficient बनाना।
सरकार का मानना है कि यह योजना देश के युवाओं में अनुशासन, आत्मनिर्भरता और राष्ट्र सेवा की भावना को मजबूत करेगी।
साथ ही, पेंशन और लंबी सर्विस से जुड़ा खर्च घटाकर इन पैसों को आधुनिक हथियारों और तकनीकी सुधारों पर लगाया जा सकेगा।
अग्निपथ स्कीम को लेकर युवाओं की प्रतिक्रिया
घोषणा के तुरंत बाद ही देशभर के कई राज्यों में युवाओं ने इस योजना के विरोध में प्रदर्शन किए।
उनका कहना था कि 4 साल की नौकरी और बिना पेंशन वाली व्यवस्था से भविष्य असुरक्षित हो जाएगा।
लेकिन सरकार का तर्क था कि ये योजना युवाओं को डिफेंस, पुलिस, सिक्योरिटी और प्राइवेट सेक्टर में नए अवसर देगी।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद विभिन्न सरकारी नौकरियों और CAPF भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
अग्निवीरों की सैलरी और लाभ
| सेवा वर्ष | मासिक वेतन (₹) | कुल योगदान (सरकार + उम्मीदवार) | सेवा निधि राशि |
|---|---|---|---|
| 1st Year | 30,000 | ₹9,000 | ₹11.71 लाख लगभग |
| 2nd Year | 33,000 | ₹9,900 | |
| 3rd Year | 36,500 | ₹10,950 | |
| 4th Year | 40,000 | ₹12,000 |
रिटायरमेंट पर मिलने वाले लाभ:
- ₹11.71 लाख की सेवा निधि (Tax-free)
- स्किल सर्टिफिकेट
- सरकारी नौकरी में प्राथमिकता
- बैंक लोन और सरकारी योजनाओं में विशेष छूट
अग्निपथ स्कीम के फायदे
- युवाओं को सैन्य अनुशासन का अनुभव मिलेगा।
- देश में बेरोजगारी दर में कमी आ सकती है।
- पेंशन व्यय में कमी आने से रक्षा बजट में संतुलन बनेगा।
- रिटायर हुए अग्निवीर अपने अनुभव से सुरक्षा, पुलिस या प्राइवेट सेक्टर में बेहतर अवसर पा सकेंगे।
- युवाओं में राष्ट्र सेवा और अनुशासन की भावना मजबूत होगी।
अग्निपथ स्कीम से जुड़ी आलोचनाएँ
- सिर्फ 4 साल की सेवा अवधि युवाओं के भविष्य को अस्थिर बना सकती है।
- पेंशन और स्थायी नौकरी न होने से ग्रामीण इलाकों के युवाओं में निराशा है।
- गोरखा रेजिमेंट जैसे परंपरागत मॉडल पर असर पड़ सकता है।
- राजनीतिक दलों ने भी योजना की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
भविष्य में क्या बदलाव हो सकते हैं?
कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सरकार सेवा अवधि बढ़ाने या रिटेंशन रेट (25%) को बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
साथ ही, युवाओं के लिए रिटायरमेंट के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण या स्किल लिंक्ड प्रोग्राम्स भी जोड़े जा सकते हैं।
अग्निपथ स्कीम के लिए आवेदन प्रक्रिया (सारांश)
- अधिकृत वेबसाइट: joinindianarmy.nic.in
- आयु सीमा: 17.5 से 21 वर्ष
- योग्यता: 10वीं या 12वीं पास (पोस्ट के अनुसार)
- शारीरिक योग्यता: फिटनेस टेस्ट अनिवार्य
- लिखित परीक्षा: जनरल अवेयरनेस, मैथ्स, रीजनिंग, इंग्लिश
- मेडिकल टेस्ट और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन
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नेपाल की चिंता और क्षेत्रीय प्रभाव
नेपाल सरकार का मानना है कि भारत की इस योजना से भविष्य में बेरोजगार प्रशिक्षित सैनिकों की फौज बन सकती है, जो समाज में असंतुलन पैदा कर सकती है।
इसीलिए, नेपाल ने भारत से इस योजना पर आधिकारिक बातचीत की मांग की है।
हालांकि भारत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह योजना दोनों देशों के बीच पारंपरिक सहयोग को प्रभावित नहीं करेगी।
निष्कर्ष
अग्निपथ स्कीम भारत के इतिहास में एक बड़ा रक्षा सुधार है। यह युवाओं को देश सेवा का मौका तो देती है, लेकिन साथ ही उन्हें जीवन के शुरुआती वर्षों में बड़ा निर्णय लेने के लिए भी मजबूर करती है।
अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया जाए, और अग्निवीरों को भविष्य में बेहतर अवसर दिए जाएं, तो यह न केवल सेना को मजबूत बनाएगी बल्कि भारत के युवाओं को भी नया आत्मविश्वास देगी।