आर्किटेक्ट कैसे बने?

आज लोग अपने घर को सुंदर से सुंदर डिजाइन करके बनवाना चाहते हैं एवं इसके इंटीरियर एक्सटीरियर पर काफी ध्यान देते हैं. घर को सुंदर बनाने के लिए एक आर्किटेक्ट की जरूरत होती है लेकिन आज भी कई लोगों को नहीं मालूम होता है कि एक आर्किटेक्ट कैसे बने?

इस लेख के माध्यम से हम आपको इस पढ़ाई के बारे में पूरी जानकारी देंगे और बताएंगे कि एक आर्किटेक्ट का मतलब क्या होता है और आर्किटेक्ट की सैलरी कितनी होती है?

आज पढ़ाई करने वाले छात्रों के बीच में कई प्रकार के कोर्स पॉपुलर है और ज्यादातर बच्चे तो डॉक्टर इंजीनियर साइंटिस्ट ही बनना चाहते हैं और कम ही लोगों को आर्किटेक्ट बनने की इच्छा होती है. लेकिन आप यह समझ ले कि जिस फील्ड में लोगों की रुचि कम होती है उसमें मौके भी काफी ज्यादा मिलते हैं.

आपके इस आर्टिकल को पढ़ने का मतलब यही है कि आप आर्किटेक्चर विभाग में जाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं तो धैर्य से इस पोस्ट को पूरा पढ़ें क्योंकि आपको सच में इसको पढ़ने में मजा आने वाले हैं और साथ में आपकी जानकारी बढ़ने वाली है.

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आर्किटेक्ट क्या है?

Architect kaise bane hindi
आर्किटेक्ट कैसे बने?

हर इमारत को बनाने के पहले उसका डिजाइन एवं निर्माण के लिए एक योजना तैयार की जाती है जिसकी जिम्मेवारी एक आर्किटेक्ट को होती है

जब किसी इमारत की बनने की शुरुआत होती है उसके पहले ही उसके डिजाइन को तैयार किया जाता है फिर उसके लागत का पता लगाया जाता है एवं इंटीरियर एक्सटीरियर डिजाइन के द्वारा देखा जाता है कि बिल्डिंग देखने में कितनी सुंदर लगेगी।

आर्किटेक्ट इन सभी कामों के लिए काफी मेहनत करते हैं शुरुआत से लेकर अंत तक सारे प्रकार के कामों की देखरेख उन्हीं के अंतर्गत होती है. आज हमें सुंदर सुंदर डिजाइन की बड़ी बड़ी इमारत नजर आती हैं जिसके पीछे एक आर्किटेक्ट और पूरी टीम काफी मेहनत करती है

आर्किटेक्ट के दिमाग में पहले से बिल्डिंग का पूरा नक्शा छपा हुआ होता है और साथ ही अंदर की डिजाइनिंग के साथ-साथ बाहर के डिजाइनिंग कैसी होगी यह भी उनके दिमाग में होता है जिससे वह पहले ही पेपर पर बना लेते हैं

आर्किटेक्ट का क्या कार्य होता है?

आज वह समय नहीं है जब हम एक साधारण सी इमारत बना ले और हमारा काम खत्म हो जाता है. आज यह माना जाता है कि फर्स्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन. इस फील्ड में काम करने वाले इंसान को क्या-क्या काम कर करने पड़ते हैं चलिए जानते हैं.

1. क्लाइंट से संचार करना

इमारत तैयार करने में एक आर्किटेक्ट की काफी अहम भूमिका होती है इसीलिए जब कोई नया क्लाइंट आता है तो उससे बातचीत करने के लिए आर्किटेक्ट ही जाते हैं ताकि वे उनके आईडिया को समझ सके और उन्हें किस प्रकार की इमारत चाहिए वह समझ सके

2. लागत एवं निर्माण समय का अनुमान लगाना

इमारत बनने में कुल कितना लागत लगेगा उसका अनुमान इन्हीं लगाना पड़ता है. इसके अलावा सारे स्रोत के उपलब्ध होने पर इमारत को पूरा करने में कितना समय लगेगा इसका भी अनुमान यही लगाते हैं. निर्माण कार्य के शुरुआत से लेकर अंत तक की सारी प्रक्रिया पर नजर होने के कारण इनका अनुमान सटीक होता है.

3. स्ट्रक्चर स्पेसिफिकेशन तैयार करना

बिल्डिंग की बनावट कैसी होगी एवं किस प्रकार से इसका ढांचा होगा यह सारी तैयारी एक आर्किटेक्ट को ही करनी पड़ती है. सुरक्षा को भी मध्य नजर रखते हुए निर्माण के लिए उसी प्रकार के स्ट्रक्चर को पास किया जाता है जो पूरी तरह से सुरक्षित हो. आज भी सुन में कई ऐसी इमारतें हैं जो बहुत ऊंची होती है लेकिन उन्हें तेज हवा तूफान और भूकंप के झटकों से बचाने के लिए उनकी बनावट के अनुसार सुरक्षा भी प्रदान किए जाते हैं तो इन सभी चीजों का ध्यान एक आर्किटेक्ट को भी रखना पड़ता है.

4. काम करने वाले वर्कर को ड्राइंग बनाने के लिए निर्देश देना

बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन फाइनल होने के बाद उसकी एक ड्राइंग तैयार की जाती है जो बनने वाले बिल्डिंग के अनुरूप ही होती है. यानी कि जो इमारत बन रही है वह इसी ड्राइंग के अनुसार बनाई जाएगी और उसकी आकृति भी इसी के अनुसार होगी.

5. कंस्ट्रक्शन के कॉन्ट्रैक्ट को मैनेज करना

कंस्ट्रक्शन कारी शुरुआत के समय ही एक कांटेक्ट बनता है और किस कॉन्ट्रैक्ट को मैनेज करने का भी काम एक आर्किटेक्ट ही करता है. कॉन्ट्रैक्ट में अगर किसी प्रकार का बदलाव भी होता है तो दोनों तरफ से इस को सूचित किया जाता है और उसके अनुसार ही काम को आगे बढ़ाया जाता है.

6. साइट पर जाना और देखना की प्लान के तहत काम हो रहा है या नहीं

आर्किटेक्ट का यह कर्तव्य होता है कि वह हर दिन कार्यस्थल पर जाएं और यह सुनिश्चित करें कि प्लान के अनुसार काम चल रहा है या नहीं. किसी भी प्रकार की गलती या फिर प्लान से अलग कुछ कार्य हो रहा है तो तुरंत उस पर एक्शन लेना और फिर कार्य को सही करना उनकी जिम्मेदारी होती है

7. मार्केटिंग के जरिए नए काम की तलाश करना और प्रेजेंटेशन देना

अपनी कंपनी के लिए नए प्रोजेक्ट हासिल करना, क्लाइंट को मनाना एवं प्रोजेक्ट के लिए प्रेजेंटेशन देना भी इन्ही का कर्तव्य होता है.

Architect कैसे बने?

आर्किटेक्ट बनने के लिए एक कोर्स करना पड़ता है जिसका नाम है बैचलर ऑफ आर्किटेक्ट B.Arch. इस कोर्स को करने के लिए एडमिशन लेने के लिए NATA (National Aptitude Test in Architecture) परीक्षा देने की जरूरत होती है.

तो अगर आप एक आर्किटेक्ट बनना चाहते हैं तो 12वीं पास करने के बाद में आपको NATA का एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ेगा। यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर ली जाती है उनके पूरे भारत देश से इस के उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं

इस परीक्षा में उम्मीदवारों की Critical Thinking और Architecture पर आधारित ज्ञान के बारे में जानकारी ली जाती है. जो भी उम्मीदवार इस विषय को पढ़कर अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो उन्हें यह भी जानना जरूरी है कि इसके लिए योग्यताएं क्या-क्या होनी चाहिए.

शैक्षणिक योग्यता

जब आप दसवीं पास करते हैं तो 12वीं में आपको साइंस लेना जरूरी है और उसमें गणित विषय अनिवार्य है

दसवीं के बाद अगर आपने 3 साल का डिप्लोमा कोर्स किया है तो भी आप इसकी पढ़ाई कर सकते हैं

12वीं में आपके कम से कम 50 पर सेंट मार्क जरूर होनी चाहिए

आयु सीमा

आर्किटेक्ट बनने के लिए नाटक की परीक्षा देनी होती है. नाटक की परीक्षा लिखने के लिए किसी प्रकार की न्यूनतम आयु सीमा नहीं रखी गई है.

NATA क्या है?

NATA का पूरा नाम National Aptitude Test in Architecture है. देश के सभी प्रतिष्ठित कॉलेज के लिए बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर कोर्स में प्रवेश करने के लिए काउंसिल आफ आर्किटेक्चर NATA इस परीक्षा का आयोजन करती है

इसके अंतर्गत सरकारी और प्राइवेट हर प्रकार की कॉलेज सम्मिलित होते हैं जिनमें एनआईटी और आईआईटी भी शामिल है इस परीक्षा का आयोजन काउंसिल आफ आर्किटेक्चर जोकि पुणे में स्थित है उसके द्वारा आयोजित की जाती है.

NATA का परीक्षा पैटर्न

टाटा की प्रवेश परीक्षा को दो भागों में बांटा गया है

ड्राइंग परीक्षण के लिए 2 घंटे का एक पेपर लिया जाता है

कैरियर संवेदनशीलता परीक्षण जो केक कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन एग्जाम होता है उसके लिए घंटे का समय लिया जाता है

इसकी परीक्षा हर साल जनवरी के महीने में ली जाती है

NATA का सिलेबस

इस परीक्षा में इन विषयों से सवाल पूछे जाते हैं जिसमें प्रमुख है PCM (Physcs, Chemistry, Mathmatics), Aptitude और Drawing Test.

Drawing Test (भाग 1)

यह परीक्षा का पहला भाग होता है जिसके तहत कई प्रकार के टॉपिक पूछे जाते हैं जिनमें प्रमुख Scale & Proportion, Geometric Composition, Day to Day object drawing, Colour Harmony, 3D,2D Transformation, Perspective Drawing हैं.

Physics (भाग 2)

यह परीक्षा का दूसरा भाग होता है. फिजिक्स के बात करें तो इसमें मुख्यता किस टॉपिक से सवाल पूछे जाते हैं Electromagnatic Induction, Optics, Atoms, Electrostatics, Current Electricity, और Nuclie, Electronic Devises इत्यादि.

Chemistry (भाग 2)

केमिस्ट्री के अंतर्गत निम्नलिखित सवाल पूछे जाते हैं Basic Concepts, Chemical Bonding बुंदेली, Thermodynamics, Organic Chemistry इत्यादि.

Mathematics (भाग 2)

गणित के अंतर्गत कई प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मुख्य तौर पर Algebra, Logarithms, Matrices, Permutation and Combination, Trigonometry, Coordinate Geometry, 3D Geometry, Theory & Application of Calculas, Statistics & Probability शामिल है.

Aptitude (भाग 2)

जनरल एप्टिट्यूड के अंतर्गत Mathematical Reasoning और Sets & Relations से सवाल पूछे जाते हैं.

B.Arch की Fees कितनी है?

जब आप आर्किटेक्चर की पढ़ाई करते हैं तो इस में एडमिशन के लिए आपको कई कॉलेज उपलब्ध मिलते हैं जिनमें से कई कॉलेज प्राइवेट और सरकारी भी होंगे.

आपकी फीस पूरी तरह से कॉलेज पर निर्भर करती है. सरकारी कॉलेज की बात करें तो एडमिशन लेने पर आपको डेढ़ से ₹200000 तक फीस लग सकता है वहीं अगर प्राइवेट कॉलेज की बात करें तो यही फीस दुगनी हो सकते हैं यानी कि 3 से 6 लाख

आर्किटेक्ट की सैलरी कितनी होती है?

अगर कोई इंसान आर्किटेक्ट बनता है तो उसे अपने शुरुआती समय में 30,000 – 40,000 रुपए तक मिलते हैं.

जैसे-जैसे अनुभव उनका वेतन भी बढ़ता चला जाता है.

आर्किटेक्चर को कौन-कौन सी जॉब मिलती है?

इस फील्ड में भी नौकरी की कमी नहीं है बल्कि इसमें बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं. इस कोर्स को करने के बाद आप जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं यहां तक कि आप दूसरे देशों में भी जॉब हासिल कर सकते हैं.

इनमें से कुछ बेहतरीन जॉब निम्नलिखित हैं:

  • Architect
  • Structural engineer
  • Architectural technologist
  • Interior and spatial designer
  • Town planner
  • Historic buildings inspector
  • Production designer

निष्कर्ष

काम तो बहुत तरह के होते हैं लेकिन जिस काम को करने में मजा आता है लोग वही काम करना अधिक पसंद करते हैं आज हम शहरों में जाते हैं तो तरह-तरह की और सुंदर इमारते देखते हैं जिसकी निर्माण में काफी समय और पैसा भी खर्च होता है

आज शहरों में सुंदर से सुंदर इमारते बनाने की काफी ज्यादा भीड़ लगी रहती है और चाहे दुकान हो या फिर मकान लोग अच्छी से अच्छी डिजाइनिंग करवाते हैं. लेकिन इस प्रकार के डिजाइन को करने के लिए एक आर्किटेक्ट काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.

इसलिए यह जानना जरूरी है कि आर्किटेक्ट क्या होता है और आर्किटेक्ट कैसे बने? यही वजह है कि इस पोस्ट को आप के लिए तैयार किया और आपको बताया है कि एक आर्किटेक्ट सैलरी कितनी होती है उसकी पढ़ाई में कितनी फीस लगती है.

हम आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी अगर यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे दोस्तों को शेयर करें.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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