एसडीएम कैसे बने एवं इसके कार्य क्या होते हैं?

जैसा कि हम जानते है कि आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है. यही वजा है की आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे की एसडीएम कैसे बने एवं इसके कार्य क्या होते हैं?

किसी भी प्रकार की नौकरी पाने के लिए आज हमें कठिन कम्पटीशन से गुजरना पड़ता है चाहे वह प्राइवेट जॉब हो या फिर सरकारी.

अगर बात एक ऐसी नौकरी कि हो जिसे पाना समाज और परिवार के गर्व की बात हो तो फिर तो कम्पटीशन और भी बड़ा हो जाता है.

तो आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको एक ऐसी ही सरकारी नौकरी के बारे में बताने जा रहे है जिसे पाना हर युवा का सपना है.

जी हाँ  इस पोस्ट का नाम है एसडीएम.

यह एक ऐसी पोस्ट होती है जिसे समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है क्योंकि इस पद पर काम करने वाले अधिकारी का काम बेहद जिम्मेदारी से भरा होता है और नागरिकों की सेवा करना होता है.

हमारे देश के सभी युवा अपने जीवन में इस पोस्ट को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते है लेकिन उनमे से कुछ का ही सिलेक्शन हो पाता है और असफल कैंडिडेट दुबारा से प्रयास करते है.

दोस्तों इनकी असफलता का कारण कभी कभी सही जानकारी न होना भी पाया जाता है क्योंकि हम जिस एग्जाम के लिए बैठने वाले है हमें उसकी पूरी जानकारी होना जरूरी होता है

इसलिए आज हमने अपनी इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे कि आप कैसे इस पद को हासिल कर सकते है.

इसके लिए आपको किन एग्जाम और किन योग्यताओ से गुजरना होगा इसके बारे में विस्तार से जानकारी शेयर करनी जा रहे है तो चलिए जानते है:

एसडीएम कौन होता है ?

प्रत्येक राज्य के हर एक जिले में इसके लिए एक पद होता है अर्थात सभी जिलों के एसडीएम ऑफिसर अलग अलग होते है परन्तु इनकी पोस्टिंग समय समय पर बदलती रहती है.

यह अधिकारी राज्य सरकार के अधीन अपने सारे कार्य करता है मतलब इस पद के लिए पोस्टिंग राज्य सरकार की तरफ से होती है.

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इसका पूरा नाम सब डिविशनल मजिस्ट्रेट होता है जिसके कंधो पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा सौंपी जाती है.

इस पद को सँभालने वाले अधिकारी का अपने जिले के अंतर्गत आने वाले सही तहसीलदारों पर पूरी तरह से नियंत्रण होता है.

राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अभ्यर्थी तक पहुंच रहा है या नहीं इसकी जिम्मेदारी भी इसी अधिकारी की होती है.

इसलिए इस पद पर काम करना एक देशभक्ति के बराबर होता है और एक समाज में सम्मानित स्थान होता है.

एसडीएम बनने का तरीका?

भारत में हर युवक का सपना होता है कि वह डीएम, कलेक्टर, पीडब्लूडी अफ़सर आदि जैसे पदों पर कार्य करें क्योंकि यह पद हमें समाज में एक अलग ही सम्मान दिलाते है और साथ ही साथ में हमारे पुरे परिवार का भविष्य सुनहरा हो जाता है.

क्योंकि इस पद पर कार्यरत अधिकारी को कई तरीके की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है. मतलब कि इस पोस्ट को प्राप्त करना एक फर्स्ट क्लास जीवन व्यतीत करना होता है.

इसीलिए हर युवा अपने जीवन कल में इस पेपर को निकालने के लिए अपनी किस्मत आजमाते है.

इसलिए इस एग्जाम को निकालने का कम्पटीशन बहुत बड़ा है.

इस पेपर को निकालने के लिए अभ्यर्थी को कड़ी मेहनत करनी होती है. इस पेपर को पास करने के लिए मेहनत के साथ सही मार्गदर्शन का होना भी जरूरी होता है.

साथ इस पद के लिए आप कब आवेदन करना है इसके लिए क्या योग्यता निर्धारित की गयी है इनके बारे में भी उचित जानकारी होना बहुत जरूरी हो जाता है.

इसलिए नीचे हमने इस पद के लिए आपके पास क्या योग्यता होनी चाहिए विस्तार से बताया है:

एसडीएम के लिए योग्यताएं

किसी भी कम्पटीशन के एग्जाम को देने के लिए कुछ योग्यताएं निर्धारित की जाती है.

ठीक इसी प्रकार से इस पद के लिए भी कुछ योग्यताएं निर्धारित की गयी है जो कि इस प्रकार से है:

  • सबसे पहले अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है.
  • अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 12वीं कि परीक्षा अच्छे मार्क्स के साथ पास करना होता है.
  • इसके बाद अभ्यर्थी को किसी भी विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करनी चाहिए.

आयु सीमा

  1. सामान्य वर्ग के लिए इस पद के लिए न्यूनतम 21 और अधिकतम 40 वर्ष आयु होनी चाहिए.
  2. ओबीसी वर्ग के लिए आयु न्यूनतम 21 और अधिकतम 45 वर्ष होनी चाहिए.
  3. एससी /एसटी वर्ग के लिए न्यूनतम 21 और अधिकतम 45 होनी चाहिए.
  4. पीडब्लूडी के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम आयु 21 और अधिकतम आयु 55 निर्धारित की गयी है.

परीक्षा पैटर्न

यह काफी कम्पटीशन भरा पास करना मतलब सफलता को हासिल करना है.

लेकिन इसके लिए आपको शुरू से मेहनत करते हुये चलना होगा तभी आप इसमें अपनी  सकते है.

बाकि इस पद के लिए आपको किन एग्जाम से गुजरना होगा वह निम्लिखित है:

मुख्य रूप से इस पद का अधिकारी बनने के लिए अभ्यर्थी को निम्नलिखित तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है जोकि इस प्रकार है:

  1. प्रारंभिक परीक्षा
  2. मुख्य परीक्षा
  3. साक्षात्कार

अब हम इन सभी परीक्षाओं को विस्तारपूर्वक समझेंगे कि किस प्रकार का पेपर और किन विषयों से प्रश्न पूछे जाते है.

प्रारंभिक परीक्षा

इस परीक्षा में आवेदन करने के बाद यह पहला चरण होता है। प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते है जो सामान्य ज्ञान से समन्धित होते है।

  1. सामान्य ज्ञान प्रश्न पत्र (पहला पेपर)
  2. सामान्य ज्ञान प्रश्न पत्र (दूसरा पेपर)

सामान्य ज्ञान के पहले पेपर में दो घंटे का समय निर्धारित किया जाता है जोकि 200 मार्क्स का होता है.

इस पेपर में करंट अफेयर, इतिहास, भूगोल, हिंदी आदि से विषयों से प्रश्न पूछे जाते है.

इस परीक्षा के आधार पर ही अभ्यर्थी की रैंक निर्धारित की जाती है.

इस पेपर को निकालने के लिए उम्मीदवार को सामान्य ज्ञान की अच्छी नॉलेज होना अत्यधिक आवयश्क है.

सामान्य ज्ञान के दूसरे पेपर में गणित, तर्क शक्ति, इंग्लिश आदि विषयों से प्रश्न पूछे जाते है. इस पेपर के लिए भी 2 घंटे का समय निर्धारित किया गया है जोकि 200 मार्क्स का पेपर होता है.

इस पेपर के मार्क्स को अभ्यर्थी की रैंक में शामिल नहीं किया जाता है.

यह पेपर सिर्फ क्वालीफाई पेपर होता है जिसको क्वालीफाई करने के लिए सिर्फ 33% मार्क्स लाने आते है. इस तरह से प्ररंभिक परीक्षा पूर्ण हो जाती है.

मुख्य परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर प्राप्त होता है.

यह परीक्षा प्रारम्भिक परीक्षा की तुलना में अत्यधिक कठिन होती है क्योंकि इस पेपर विषयों की संख्या अधिक होने के साथ साथ पेपर लिखित होता है.

इस परीक्षा में कुल 8 पेपर होते है जिसमे से 2 विषय हमें अपनी इच्छा से चुनने होते है.

मतलब कि दो पेपर ऑप्शनल होते है जिन्हें उम्मीदवार की रूचि के प्रति चुना जाता है.

इन सभी 8 प्रश्न पत्रों का अंक निर्धारण इस प्रकार है:

विषयअंक
हिंदी 
निबंध 150
सामान्य अध्ययन 1 200
सामान्य अध्ययन 2200
सामान्य अध्ययन 3200
सामान्य अध्ययन 4200
वैकल्पिक प्रश्न पत्र 1200
वैकल्पिक प्रश्न पत्र 2200

साक्षात्कार

जब आप इस पद के लिए मुख्य परीक्षा में सफल हो जाते है तब अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है.

यह पेपर 200 मार्क्स का होता है जिसमे अभ्यर्थी से उसकी हमारी सोचने की क्षमता को आंका जाता है.

अभ्यर्थी की पर्सनालिटी ,उसकी डिसिशन मेकिंग कैपेसिटी ही चेक की जाती है.

इसमें देखा जाता है कि अभ्यर्थी किसी विषय या घटना पर किस प्रकार का नजरिया रखता है.

जो अभ्यर्थी इसमें पास हो जाता है उसे राज्य के जिले में एसडीएम की पोस्ट से नवाज़ा जाता है जोकि किसी के लिए भी सम्मान की बात होती है.

SDM एग्जाम की तैयारी कैसे करें?

जैसा कि अभी तक हम जान चुके है की यह एक उच्च पद है जिसके लिए कम्पटीशन भी बहुत ज्यादा है और यह एग्जाम भी हाई लेवल का होता है.

इसलिए इस पेपर को निकालने की तैयारी हमारी सबसे हटकर होनी चाहिए मेहनत के साथ साथ हमें कुछ ऐसे पढ़ना होगा कि हमारा हर एक प्रयास हमें जल्द से जल्द हमारी मंज़िल तक पंहुचा दे.

इसलिए इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने वाले है जिन्हे अगर आप फॉलो कर लेते है तो निश्चित ही आपका सिलेक्शन हो जायेगा तो देखते है वो कौन से टिप्स है:

  1. जैसे कि हम देख चुके है कि इस परीक्षा में सामान्य अध्धयन से बहुत ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है इसलिए अपने सामान्य ज्ञान पर बहुत ज्यादा मेहनत करने की आवयश्कता होती है.
  2. इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, राजनीति शास्त्र, आदि विषयों की तैयारी जबरदस्त होनी चाहिए क्यूंकि इनसे बहुत प्रश्न पूछे जाते है.
  3. इस परीक्षा में करंट अफेयर का एक बहुत बड़ा रोल होता है क्योंकि यहाँ से भी बहुत ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है.
  4. इसलिए इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए अभ्यर्थी को देश विदेश में होने घटनाओं की जानकारी होनी ही चाहिए.
  5. अगर ज्यादा नॉलेज नहीं हो पा रही है तो कम से कम पिछले 6 महीने की घटनाओं के बारे में अवश्य पता होना चाहिए.
  6. इन सब के अतिरिक्त अभ्यर्थी को अत्यधिक मेहनत करनी होती है और स्मार्ट एप्रोच को अपनाना पड़ता है.

एसडीएम के कार्य

जैसा कि हम सभी जानते है कि यह एक बहुत बड़ा पद होता है और इसीलिए इस पद के अधिकारी को बहुत सारी शक्तियां सरकार द्वारा प्रदान की जाती है.

अपने जिले की भूमि का लेखन का काम इन्ही के द्वारा किया जाता है.

जिले में किसी भी नए काम का नवीनीकरण करना इन्ही की जिम्मेदारी होती है.

सभी जिलों को छोटे छोटे ब्लॉक में खंडित कर दिया जाता है और इन सभी ब्लॉक के तहसीलदारों पर इनका नियंत्रण होता है.

विभिन्न प्रकार के पंजीकरण, नए लाइसेंस जारी करना, विवाह रजिस्ट्रेशन आदि अन्य प्रकार के कार्य भी इन्ही की देख रेख में किया जाता है.

जो काफी जिम्मेदारी भरा काम होता है.

वेतन

एक एसडीएम का वेतन अत्यधिक आकर्षक होता है क्योंकि इनकी जिम्मेदारी भी बड़ी होती है.

इनका न्यूनतम वेतन 53000 से लेकर 67000 रूपए तक होता है कभी कभी इनका मासिक वेतन एक लाख रूपए भी होता है.

जोकि एक बेहद अच्छी सैलरी होती है। अच्छी बात यह है की इस पद पर चयनित होने वाला पर ही निर्भर नहीं होता है बल्कि सरकार की तरफ  पर चयनित होने वाले व्यक्ति को सरकारी आवास के साथसाथ सरकारों गाड़ी प्रदान की जाती है.

इसलिए दोस्तों हमें ज्यादा से ज्यादा मेहनत करनी चाहिए और इस पेपर को निकालकर अपने देश की सेवा करनी चाहिए और अपने देश के नागरिकों के लिए सरकार के द्वारा जो भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है उसे पहुंचाने का काम ईमानदारी से करना चाहिए.

निष्कर्ष

उम्मीद करता हूँ कि आपको ऊपर दी गयी जानकारी समझ गयी आ गयी होगी और आपके किये उपयोगी साबित हुई होगा .

अच्छे पद पर काम करने की इच्छा हर किसी की होती है लेकिन उनकी पास अक्सर इसकी अधिक जानकारी नहीं होती है.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हमने अपने इस आर्टिकल में एसडीएम कैसे बने? इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी की बारे जाना.

लेकिन अगर फिर भी आपको इस पोस्ट में कुछ समझ नही आया हो या इससे जुड़ी किसी अन्य जानकारी के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है.

हमारी टीम आपके साथ बहुत जल्द जुड़कर आपके सभी सवालों के जबाब देगी.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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